पटनाः सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर हम प्रमुख जीतन राम मांझी के राम पर बयानबाजी का कड़े शब्दों में जवाब दिया (Sushil Kumar Modi Tweeted Against Jitan Ram manjhi) है. उन्होंने इस बात की कड़ी निंदा करते हुए ट्वीट किया है. राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने एक नहीं बल्कि लगातार चार से पांच ट्वीट में मर्यादा पुरुषोत्तम राम के बारे में की जानेवाली बयानबाजी को गलत बताया है. उन्होंने लिखा है कि ऐसी बयानबाजी राजनीतिक हितों के लिए की गई है, जो गलत है.
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सुशील मोदी ने अलग-अलग ट्वीट में निकाली भड़ासः उन्होंने पहले ट्वीट में लिखा, 'जो श्रीराम को काल्पनिक बताने का दुस्साहस कर रहे हैं, वे दरअसल आदि कवि वाल्मीकि, उनके आश्रम में पले सीतापुत्र लव-कुश, निषादराज केवट और भक्त शिरोमणि शबरी को भी नकारने की कोशिश कर रहे हैं'. इसके बाद उन्होंने लिखा, 'उनके समकालीन महर्षि वाल्मीकि ने रामायण के रूप में जिनका इतिहास लिखा और जिनके होने के अमिट प्रमाण अयोध्या से श्रीलंका के रामसेतु तक उपलब्ध हैं, उन पर अनर्गल बयान देकर किसी को भी करोड़ों हिंदुओं की भावनाएं आहत नहीं करनी चाहिए'. ट्वीट में आगे उन्होंने लिखा, 'जिन दलों या लोगों ने क्षुद्र राजनीतिक हितों के दबाव में ऐसे बयान दिये, वे राम-भक्त समाज के चित से ही उतर गए. मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम भारतीय इतिहास, संस्कृति और परंपरा के नायक ही नहीं, हमारे पुरखा हैं'.