पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री तथा राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने कहा कि 1974 में जेपी आंदोलन (JP movement In India) को कुचलने से लेकर मुंबई में हनुमान चालीसा पढ़ने वाली सांसद नवनीत राणा की गिरफ्तारी तक कांग्रेस और उसकी समर्थित सरकारों ने ही देशद्रोह विरोधी कानून ( Anti sedition law in India 124 A) का सबसे ज्यादा दुरुपयोग किया. सुशील मोदी ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं कह चुके हैं कि एनडीए सरकार अंग्रेजों के जमाने के 1500 से ज्यादा अनावश्यक कानून खत्म करने के बाद 124 A की भी नये सिरे से समीक्षा कर रही है, तब कांग्रेस और राजद को संविधान की लक्ष्मण रेखा पर टीका-टिप्पणी करने की कोई जरूरत नहीं है.
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मोदी ने कहा कि सरकार देशद्रोह-विरोधी कानून पर इस तरह पुनर्विचार करने को प्रतिबद्ध है कि मौलिक अधिकार-मानवाधिकार की रक्षा और देश की सम्प्रभुता-अखंडता की सुरक्षा के बीच विश्वसनीय संतुलन स्थापित हो. पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कांग्रेस और राजद को याद दिलाया कि 1951 में पहले संविधान संशोधन के जरिये नेहरू सरकार ने बोलने की आजादी पर अंकुश लगाने की कोशिश की थी और 1974 में इंदिरा गांधी ने राजनीतिक विरोधियों का दमन करने के लिए 124 A के तहत दर्ज मामले को संज्ञेय अपराध बनाया था.