पटनाः लालू प्रसाद यादव की बेटी हेमा यादव पर ईडी की कार्रवाई से एक बाहर फिर लैंड फॉर जॉब का मामला तूल पकड़ लिया है. राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने इस मामले में सीएम नीतीश कुमार पर सवाल उठाए हैं. कहा कि नीतीश कुमार ने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते लालू परिवार के भ्रष्टाचार से समझौता कर लिया है. इसलिए वे रेलवे की नौकरी के बदले लोगों की जमीन लिखवाने के मामले में अपने डिप्टी तेजस्वी यादव से जवाब नहीं मांगते हैं.
'गिरफ्तारी का इंतजार कर रहे नीतीश कुमार': सुशील मोदी ने कहा कि क्या नीतीश कुमार केजरीवाल की तरह अपने सहयोगी मंत्री की गिरफ्तारी का इंतजार कर रहे हैं? नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू परिवार के करीबी अमित कात्याल की गिरफ्तारी के बाद तेजस्वी यादव की बहन हेमा यादव और हृदयानंद चौधरी सहित 7 नाम शामिल होने से आरोपियों के विरुद्ध कानून का शिकंजा कसता जा रहा है.
'हेमा यादव को क्यों दान कर दी जमीन': मोदी ने कहा कि जांच एजेंसियां जानना चाहती है कि लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी पाने वाले हृदयानंद चौधरी ने पटना में अपनी करोड़ों की जमीन लालू प्रसाद की पुत्री हेमा यादव को क्यों दान कर दी? कहा कि जिनके पिता ने कुली-चपरासी जैसी मामूली सरकारी नौकरी देने के बदले लोगों की जमीन ले ली. क्या वे बिना कुछ लिए नियुक्ति-पत्र बांट सकते हैं? समय आने पर सच सामने आएगा.
पीएम बनने का सपना पाले हैं नीतीशः उन्होंने कहा कि राजद के साथ पिछली पारी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार के मामले में तेजस्वी यादव का नाम आने पर उनसे अकेले में बात की थी और सभी आरोपों का बिंदुवार जवाब नहीं मिलने पर जुलाई 2017 में स्वयं पद इस्तीफा देकर गठबंधन तोड़ दिया था. 6 साल बाद फिर मुख्यमंत्री के सामने वही परिस्थिति है. लेकिन इस बार प्रधानमंत्री बनने का सपना उन्हें चुप रहने को विवश कर रहा है.