पटना:बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सह राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में जहरीली शराब से हुई मौतों पर नीतीश सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मृतक के आश्रितों को मुआवजा दिया जाए. दरअसल छपरा के बाद अब पूर्वी चम्पारण में जहरीली शराब पीने से 22 लोगों की जान चली गई है. वहीं दो दर्जन से ज्यादा पीड़ितों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है. कई लोगों को अपनी आंखों की रोशनी खोनी पड़ी है. सुशील मोदी ने कहा कि सरकार मौत का आंकड़ा छिपाने में लगी है.
Motihari Hooch Tragedy: 'जहरीली शराब के पीड़ितों को मुआवजा दे सरकार'.. सुशील मोदी - sushil modi demands compensation
छपरा के बाद पूर्वी चंपारण के चार थानों में 22 लोगों की जान जहरीली शराब पीने से चली गई है. मौत के आंकड़ों को छिपाने के लिए घर-घर जाकर लोगों पर बिना पोस्टमार्टम के अंतिम संस्कार कर देने का दबाव बनाया जा रहा है. सीएम नीतीश ने कहा था कि मृतकों के आश्रितों को मुआवजा देने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाकर निर्णय लिया जाएगा लेकिन आज तक कुछ नहीं किया गया. सुशील मोदी ने जहरीली शराब से मौत मामले पर नीतीश सरकार पर जमकर हमला किया.
बोले सुमो- 'मौत का आंकड़ा छुपाने में लगी सरकार': सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सरकार मौत का कारण डायरिया या अज्ञात बीमारी बता रही है. पुलिस के डर से बिना पोस्टमार्टम के भुटन मांझी सहित कई मृतकों के शव जला दिया गया. मृतकों में अधिकतर दलित और पिछड़ी जातियों के लोग थे. उन्होंने कहा कि जहरीली शराब से मरने वालों के आश्रितों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा देने की स्पष्ट नीति बनाने के लिए मुख्यमंत्री को सर्वदलीय बैठक जल्द बुलानी चाहिए. छपरा में ऐसी घटना के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाने की घोषणा की गई थी. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने छपरा की घटना के बाद राज्य सरकार पर आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया था.
"अब पूर्वी चंपारण में भी यही हो रहा है. आयोग ने जहरीली शराब पीने से मरने वालों के आश्रितों को अनुग्रह राशि देने की अनुशंसा की थी, लेकिन अब तक उसका अनुपालन नहीं हुआ. पटना हाईकोर्ट ने जहरीली शराब पीने से बीमार होने वालों की चिकित्सा के लिए मानक प्रक्रिया (SOP) तय करने को कहा था, लेकिन राज्य सरकार यह भी नहीं कर सकी. सरकार ने हाई कोर्ट के निर्देश और आयोग की अनुशंसाओं को गंभीरता से लिया होता,तो पीड़ितों और उनके परिवारों को कठिन समय में बड़ी राहत मिलती."- सुशील कुमार मोदी, पूर्व डिप्टी सीएम, बिहार