पटनाःबिहार के मोतिहारी में जहरीली शराब से करीब 28 लोगों की मौत (death due to poisonous liquor in motihari) हो चुकी है. ऐसे में एक बार फिर से शराबबंदी के ऊपर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. इससे पहले छपरा, भागलपुर, गोपालगंज सहित अन्य कई जिलों में अवैध जहरीली शराब से सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. इस पर बीजेपी नेता व पूर्व उपमुख्यंत्री सुशील कुमार मोदी ने सीएम नीतीश कुमार को आड़े हाथ लिया है. उन्होंने कहा है कि जहरीली शराब से 300 लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसे में नीतीश कुमार को इस्तीफा दे देना चाहिए.
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मुआवजे की मांगःबीजेपी राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी राज्य सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जहरीली शराब से मरने वालों के परिवार वालों को चार लाख रुपये मुआवजा राशि दी जाए. उन्होंने ट्वीट कर यह भी लिखा है कि जहरीली शराब से मरने वालों और उनके आश्रितों के प्रति नीतीश कुमार की कोई सहानुभूति नहीं है, लेकिन माफिया के मौत पर आंसू बहा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूर्वी चम्पारण में परिजनों को भी उत्पाद कानून के अनुसार अनुग्रह राशि मिले. क्योंकि गोपालगंज में जहरीली शराब से मौत पर 30 लोगों को मुआवजा मिला था.
" 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से जहरीली शराब पीने की घटनाओं में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई. यह हादसा नहीं, दलितों-गरीबों की हत्या का मामला है और इसकी जिम्मेदारी लेकर नीतीश कुमार को इस्तीफा देना चाहिए. साथ ही शराब पीने से मरने वालों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा भी मिलना चाहिए" -सुशील कुमार मोदी, राज्यसभा सांसद, बीजेपी
माफिया की मौत पर मातमः पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जदयू-राजद सहित जिन सात दलों के राज में दो दिन के भीतर जहरीली शराब से दलित-आदिवासी समुदाय के 30 से ज्यादा लोगों की जान गई, वे यूपी के एक माफिया के गैंगवार में मारे जाने पर आंसू बहा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अतीक की मौत से यूपी में जनता खुश है. वहीं बिहार में शहाबुद्दीन को माफिया बनाने वाले पड़ोसी राज्य के एक अपराधी का धर्म देखकर उसकी मौत पर मातम मना रहे हैं.
हो रहा दलितों का नरसंहारः सुशील मोदी कहा कि लालू-राबड़ी राज में मंत्री बृजबिहारी प्रसाद को पुलिस की सुरक्षा में गोलियों से छलनी कर दिया गया. अजित सरकार, अशोक सिंह आदि कई विधायकों की हत्या हुई. फिर भी आरजेडी से मिल सत्ता पाने वाले सब भूल गए. उन्होंने कहा कि जहरीली शराब से मौत हादसा नहीं, दलित नरसंहार है.राजद शासन में दलित-पिछड़े हत्या-नरसंहार का शिकार होते थे. अब चाचा-भतीजा के राज में जहरीली शराब से दलित और आदिवासियों का नरसंहार हो रहा है.