बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी दिल्ली/पटना:बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने बिहार में जहरीली शराब से मौतमामले पर सीएम नीतीश के बयान पर निशाना साधा है. सीएम ने कहा था कि जो शराब पिएगा वो मरेगा ही. इस पर सुशील मोदी ने कहा कि इस तरह का बयान बहुत दुखद है. ये बयान नीतीश कुमार की संवेदनहीनता को दर्शाता है. जिन लोगों की मौत हुई है वो गरीब और अनपढ़ थे. उनको जागरूक बनाने का काम सरकार को करना था. (Sushil Kumar Modi Attack On CM Nitish Kumar) (CM Nitish Kumar Spurious Liquor Case) (bihar hooch tragedy )
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'सीएम नीतीश लें घटना की जिम्मेदारी': जब जनसंख्या नियंत्रण कानून की बात आती है तो सीएम नीतीश कहते हैं इसकी जरूरत नहीं है. लोगों को जागरूक करने से जनसंख्या नियंत्रित होगी. शराबबंदी का कानून अगर लागू हुआ बिहार में तो क्या जागरूक करना आवश्यक नहीं था. पिछले 6 सालों में 1000 से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हो चुकी है. इस पूरी घटना की जिम्मेदारी नीतीश कुमार को लेनी पड़ेगी.
"शराबबंदी के मुद्दे पर हम नीतीश जी के साथ खड़े हैं लेकिन उसके क्रियान्वयन में जो खामियां है उसकी समीक्ष होनी चाहिए. पहले भी जो मौतें हुई हैं वो भी गलत थीं और आज भी गलत है. विपक्ष अपने काम का निर्वहन कर रहा है. विधानसभा में सीएम ने जिस तरह के शब्दों का प्रयोग किया वो आपत्तिजनक है. नीतीश जी से ऐसी अपेक्षा नहीं थी लेकिन लगता है कि लालू जी के संगत में जाने के बाद नीतीश में लालू के गुण आ गए हैं. कहते हैं संगत से गुण आत है संगत से गुण जात है.."- सुशील कुमार मोदी, पूर्व उपमुख्यमंत्री, बिहार
सीएम ने खो दिया था आपा: बिहार के सीएम नीतीश कुमार एक बार फिर से बिहार विधानसभा की कार्यवाही में अपना आपा खो बैठे.बुधवार को शीतकालीन सत्र के दौरान सीएम ने बीजेपी सदस्यों को आड़े हाथों लिया. नीतीश कुमार ने सदन की कार्यवाही के दौरान बीजेपी द्वारा शराब से मौत मामले को उठाने पर जमकर अपनी भड़ास निकाली. यहां तक की सभी बीजेपी सदस्यों को सदन से बाहर तक करने के लिए चिल्ला चिल्ला के कहते रहे.
'बोले सुशील मोदी- सीएम नीतीश दें इस्तीफा': सुशील मोदी ने कहा कि सीएम कहते हैं जो शराब पी रहे हैं वो महापापी हैं, हिंदुस्तानी कहलाने योग्य नहीं हैं. तो क्या जो हिंदुस्तान में रहने वाले लोग हैं और शराब पीते हैं वो हिंदुस्तानी कहलाने योग्य नहीं हैं? मैं भी शराब नहीं पीता हूं लेकिन जो पीते हैं उन्हें कैसे रोक देंगे. हमने पहले ही सीएम को कहा था कि सोच समझकर शराबबंदी का निर्णय कीजिए क्योंकि पहले भी देश में शराबबंदी लागू हो चुकी है जो सरकार को वापस लेना पड़ा था. हम सीएम से इस्तीफे की मांग करते हैं क्योंकि शराबबंदी का निर्णय उन्हीं का था. हमने कभी भी इसका विरोध नहीं किया.
छपरा जहरीली शराब कांड: बिहार के सारण जिले में हर घंटे जहरीली शराब से मौत का आंकड़ा एक-एक कर बढ़ता जा रहा है. जहरीली शराब पीने से अब तक 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई. ये मौतें मंगलवार रात से बुधवार सुबह तक हुई हैं. वहीं, शराब कांड में प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए SDPO का ट्रांसफर, थानाध्यक्ष और कांस्टेबल को किया सस्पेंड कर दिया है.
जिला प्रशासन ने की है 26 मौतों की पुष्टि: सारण जिलाधिकारी राजेश मीणा ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि संदिग्ध पदार्थ पीने से 26 लोगों की मौत हुई है. जबकि 10 लोग इलाज करा रहे हैं. इनमें 2 लोगों की हालत बेहद चिंताजनक होने की वजह से उन्हें रेफर किया गया है. पुलिस की टीम लगातार छापामार कार्रवाई कर रही है. अब तक इस मामले में 692 लीटर नकली शराब के साथ ही 51 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.