पटना/ दिल्ली:सुशांत सिंह राजपूत मामले को पटना से मुंबई पुलिस को ट्रांसफर करने वाली रिया चक्रवर्ती की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट में इससे पहले दोनों पक्षों की तरफ से दलीलों का सिलसिला पेश किया गया था. जस्टिस ऋषिकेश रॉय की बेंच ने पूरे मामले की सुनवाई करने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था.
सुशांत केस : सुप्रीम कोर्ट Live Updates
रिया चक्रवर्ती के वकील ने भी दाखिल किया लिखित जवाब
- रिया की ट्रांसफर याचिका निष्प्रभावी, इसे खारिज किया जाए: बिहार सरकार
- 'मुंबई पुलिस राजनीतिक दबाव में FIR दर्ज नहीं कर रही'
- 'मुंबई पुलिस ने जांच में बिहार पुलिस का सहयोग नहीं किया'
- 'बिहार पुलिस ने कानून के दायरे में रहकर अपने क्षेत्राधिकार में ये FIR दर्ज की'
बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कीं लिखित दलील
- बिहार सरकार द्वारा दर्ज FIR गैरकानूनी: रिया
- 'बिना अधिकार क्षेत्र के बिहार सरकार ने FIR को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया'
- उनके पास कोई भी सबूत नही है: रिया
- 'सुशांत के पिता केके सिंह ने जो आरोप लगाए हैं वो बिना किसी आधार के'
- 'बिहार पुलिस इस मामले में ज्यादा से ज्यादा जीरो FIR दर्ज कर सकती थी'
- ट्रांसफर याचिका सुनवाई योग्य: रिया
सभी पक्षों से लिखित जबाव देने के आदेश
आज सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले में यह तय करेगा कि बिहार में दर्ज एफआईआर को मुंबई ट्रांसफर किया जाए या नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से आज तक अपना लिखित जवाब देने के लिए कहा था. इससे पहले मंगलवार हुई सुनवाई में दोनों पक्षों के वकीलों के बीच तीखी बहस हुई थी.
केस ट्रांसफर करने को लेकर सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में रिया चक्रवर्ती की याचिका (बिहार से मुंबई केस ट्रांसफर करने) पर मंगलवार को सुनवाई पूरी हो गई. जस्टिस ह्रषिकेश रॉय की बेंच सुनवाई कर रही थी. सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह बिहार सरकार की तरफ से, एएम सिंघवी महाराष्ट्र सरकार की ओर से, तो श्याम दिवान रिया की तरफ से और विकास सिंह सुशांत सिंह राजपूत की फैमिली की तरफ से उनका पक्ष सुप्रीम कोर्ट में रखा.
पटना के राजीव नगर थाने में एफआईआर दर्ज
बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह ने पटना के राजीव नगर थाने में प्राथिमकी दर्ज कराई है. प्राथमिकी में अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और उसके परिवार के सदस्यों सहित छह अन्य व्यक्तियों पर सुशांत को आत्महत्या के लिए मजबूर करने सहित कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. जिस पर जांच के दौरान पटना पुलिस और मुंबई पुलिस आमने सामने हो गई थी. हालांकि इस मामले पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में जारी है. बिहार सरकार की ओर से सीबीआई जांच की अनुशंसा की गई. जिस पर केंद्र ने भी मंजूरी दे दी. फिर भी मुंबई सरकार इस मामले की सीबीआई जांच का विरोध कर रही है.