आनंद कुमार सुपर 30 के संस्थापक से बातचीत पटनाःभारत सरकार ने प्रख्यात गणितज्ञ और सुपर थर्टी के संस्थापक शिक्षक आनंद कुमार को पद्मश्री सम्मान (super 30 Anand Sir) दिए जाने की घोषणा के बाद उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. उनके पुराने शिष्य उनका पैर छूने और बधाई देने पहुंच रहे हैं. इसी कड़ी में अपने आवास पर ईटीवी भारत से बातचीत में आनंद कुमार ने कहा कि इस सम्मान से काफी खुशी और गर्व महसूस हो रहे हैं. इस सम्मान के लिए वह भारत सरकार के प्रति आभार जताते हैं. इसके अलावा 'सुपर थर्टी' के सफर में आज तक जो साथी जुड़े और जो जुड़े हुए हैं सभी को उन्होंने धन्यवाद दिया. उन्होंने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि मुझे पद्म श्री देने की घोषणा तो हुई है लेकिन मुझे अभी बहुत कुछ करना बाकी है. ताकि मेरे जैसे अन्य बच्चों के भविष्य में अंधकार न गुजरे.
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'पिता जी आसमान से देख रहे हैं..': जब पद्म पुरस्कारों की घोषणा हुई तो आनंद कुमार ने सोशल मीडिया पर लिखा कि-''अभी कुछ देर पहले जब भारत-सरकार ने मुझे पद्मश्री सम्मान से सम्मानित करने की घोषणा की तब मुझे लगा कि आसमान से मेरे पिताजी स्वर्गीय श्री राजेंद्र प्रसाद मुस्कुराते हुए मुझे देख रहें हैं और जैसे कह रहें हों कि बेटा तू अभी और आगे बढ़. मंजिल तो अभी तेरी बहुत ही दूर है. अपने अंतिम साँस तक कुछ ऐसा प्रयास कर ताकि मेरे देश के किसी भी माँ-बाप को यह कष्ट न उठाना पड़े कि पैसे के अभाव में उनके बेटे-बेटियों कि पढ़ाई न छूट जाये. भारत सरकार का विशेष आभार आपने मुझे इस सम्मान के लायक समझा. साथ ही साथ उन तमाम लोगों का सहृदय धन्यवाद जिन्होंने कठिन से कठिन परिस्तिथियों में भी मेरा साथ नहीं छोड़ा.''
''हम लोगों की योजना सुपर 30 को बिहार से बाहर ले जाने की है. साथ ही साथ ऑनलाइन के जरिए भी इस सुविधा को बढ़ाने की तैयारी है. ताकि अधिक से अधिक बच्चे इसका लाभ ले सकें. बच्चों को फ्री में शिक्षा और भोजन मिले इसका प्रयास कर रहे हैं. इसको बड़ा कैसे किया जाए इसपर काम चल रहा है.''-आनंद कुमार, संस्थापक, सुपर 30
'सुपर 30 का देश में करेंगे विस्तार' : आनंद कुमार ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कहा कि पद्मश्री सम्मान मिलने से समजा के प्रति उनकी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है. उन्होंने बताया कि अपनी इस बढ़ी हुई जिम्मेदारी को निभाते हुए 'सुपर थर्टी' का विस्तार पूरे देश में करेंगे. इसके अलावा प्रदेश के सभी जिलों में सुपर थर्टी के लिए परीक्षा आयोजित कराई जाएंगी. बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने के उद्देश्य से ऑनलाइन कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. ऑनलाइन पढ़ाई से अधिक से अधिक बच्चों को जोड़ने का काम किया जाएगा.
'मेहनत करें, देर से सही लेकिन कामयाबी मिलेगी': आनंद कुमार ने कहा कि वह अपने Super 30 के आज तक के अनुभव के आधार पर छात्रों से और लोगों से यही कहेंगे कि अपने काम को पूरी ईमानदारी और निष्ठा से करें. किसी से भी ईर्ष्या भाव नहीं रखें. अपना काम करते रहें और अपना काम इमानदारी से निरंतर करते रहें तो हो सकता है कि सफलता थोड़ी देर से मिले लेकिन अवश्य मिलेगी.
सुपर 30 के आनंद सर को बधाई देने पहुंचे छात्र ''किसी से कभी भी ईर्ष्या भाव न रखें. अपना काम करें. निरंतर काम करने से थोड़ी देर से ही सही लेकिन सफलता मिलेगी. सुबह से हमें बच्चों का फोन आ रहा है. जो हमारे हर साल 30 बच्चे पढ़ते थे जर्मनी, जापान और अलग-अलग देशों से उनके फोन आ रहे हैं सब बधाई दे रहे हैं. उनके कॉल से हमें हौसला मिलता है.''-आनंद कुमार, संस्थापक, सुपर 30
मिलकर गढ़ेंगे भविष्य: आनंद कुमार ने ये भी कहा कि कभी पैसे की अभाव में वह कैंब्रिज पढ़ाई के लिए नहीं जा पाए थे. इसके बाद उन्होंने ठाना की ऐसे बच्चों को वह निशुल्क शिक्षा देंगे, जो पैसे के अभाव में बेहतर शिक्षा से वंचित रह जाते हैं. उनके बच्चे जो विदेशों में पढ़ रहे हैं, सुबह से लगातार फोन कर रहे हैं. उनके फोन कॉल उनकी हौसला अफजाई कर रहे हैं. वह इन शुभकामनाओं से और बेहतर करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें आज बधाई देने के लिए एक छात्र धनंजय पहुंचे हुए हैं जो उनके यहां से पहले इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, फिर इंजीनियरिंग के बाद बीपीएससी क्वालीफाई किया. कुछ दिन काम करने के बाद एक करोड़ की स्कॉलरशिप लेकर इंग्लैंड पढ़ाई करने के लिए गए और फिर अब गरीब बच्चों की पढ़ाई में उनके साथ मिलकर मदद कर रहे हैं. वह चाहेंगे कि उनके यहां की जो भी छात्र मजबूत आर्थिक स्थिति में आते हैं तो गरीब बच्चों की पढ़ाई लिखाई में अपना योगदान इसी प्रकार दें.
कौन हैं आनंद कुमार ?: आनंद कुमार देश के जाने-माने गणितज्ञ हैं और सुपर थर्टी के संस्थापक टीचर हैं. उनका जन्म बिहार की राजधानी पटना में 1 जनवरी 1973 को एक निम्न मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था. उनके पिता डाक विभाग में बाबू थे. उनके पिता ने हिन्दी माध्यम के सरकारी स्कूल में एडमिशन कराया था. उनका पूरा बचपन संघर्षों में ही गुजरा. गुरु आनंद ने ही 'सुपर 30' को सुपर बनाया और आज इसी ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया.
देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार होता है पद्म पुरस्कारः सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक पद्म पुरस्कार के सभी तीनों श्रेणियों के विजेता के नामों की घोषणा बुधवार को की गई थी. इसकी तीन श्रेणियां होती हैं. इनमें पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री शामिल हैं. इसमें से पद्मश्री का सम्मान पाने वाले देशभर के कुल 91 शख्सियत शामिल हैं. इन 91 में बिहार के 3 हस्तियों के नामों की भी घोषणा की गई है. इस बार 106 लोगों को पद्म पुरस्कार दिया जा रहा है. इसमें 6 लोगों को पद्म विभूषण, नौ लोगों को पद्म भूषण और 91 लोगों को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.
बिहार की तीन हस्तियों को मिला पद्म पुरस्कार: देश में पद्म पुरस्कारों की घोषणा के बाद बिहार की राजधानी पटना में जश्न का माहौल है. बिहार के प्रख्यात शिक्षाविद् और सुपर-30 के संचालक आनंद कुमार के नाम की भी घोषणा पद्म श्री अवार्ड के लिए हुई है. इन्हें शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में पद्मश्री पुरस्कार (Super 30 Anand Kumar got Padma Shri award) के लिए चुना गया है. इनके अलावा बिहार से तीन और लोगों को यह पुरस्कार मिला हैं. इनमें कपिलदेव प्रसाद और सुभद्रा देवी के नाम शामिल हैं.