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जदयू सांसद ने बताया श्याम रजक के पार्टी छोड़ने का तीन प्रमुख कारण

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने बताया कि सरकार में श्याम रजक असहज महसूस कर रहे थे. साथ ही वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के लिए समय की मांग रहे थे, लेकिन उन्हें समय नहीं दिया जा रहा था. उन्होंने बताया कि वो श्याम रजक को मनाने उनके आवास पर भी पहुंचे थे.

पटना
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Published : Aug 17, 2020, 4:38 PM IST

पटना : पूर्व उद्योग मंत्री और दलित नेता श्याम रजक ने 11 साल बाद एक बार फिर आरजेडी में वापस लौट गए हैं. आज राबड़ी देवी के सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड पर उन्हें आरजेडी की सदस्यता दिलाई गई. संबंध में एक्सक्लूसिव जानकारी देते हुए जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने बताया कि श्याम रजक पिछले दो-तीन महीनों से जदयू नेतृत्व से नाराज चल रहे थे.

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने बताया कि सरकार में श्याम रजक असहज महसूस कर रहे थे. साथ ही वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के लिए समय की मांग रहे थे, लेकिन उन्हें समय नहीं दिया जा रहा था. उन्होंने बताया कि वो श्याम रजक को मनाने उनके आवास पर भी पहुंचे थे.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'जल्दबाजी नहीं करने की दी थी सलाह'
जदयू सांसद सुनील कुमार ने आगे बताया कि श्याम रजक को मनाने के लिए वो और भाजपा नेता नीतीश मिश्रा उनके आवास पर पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि मित्रता के नाते हम लोग श्याम रजक के पास जाकर उन्हें समझाने की कोशिश की. उन्होंने बताया कि रजक उद्योग विभाग के प्रधान सचिव एसके धार की कार्यप्रणाली से नाराज थे. वहीं हम लोगों उनसे कहा कि यह समय जदयू छोड़ने का नहीं है. आपको जल्दबाजी नहीं करना चाहिए.

अशोक चौधरी के बढ़ते प्रभाव से नाराज थे रजक
गौरतलब है कि नीतीश कुमार कार्यकाल में श्याम रजक लंबे समय तक मंत्री रहे हैं. वहीं हाल के कुछ दिनों में पार्टी के कर्ताधर्ता आरसीपी सिंह फुलवारी विधानसभा क्षेत्र के लिए अरुण मांझी को प्रमोट कर रहे थे. इसी क्रम में आरसीपी सिंह ने अरुण मांझी के साथ फुलवारी क्षेत्र में दो सभाएं भी की थी. भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी की पार्टी में दखल में बढ़ते और खुद की अनदेखी से नाराज बताए जा रहे हैं.

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