पटना:एक फरवरी से प्रदेश में बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं. साथ ही इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा 2022 का आयोजन भी किया जाएगा. वहीं 17 फरवरी से वार्षिक माध्यमिक परीक्षा यानी कि मैट्रिक परीक्षा का आयोजन शुरू हो रहा है. बोर्ड परीक्षा को लेकर बिहार बोर्ड ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि, उन्हीं बच्चों को एडमिट कार्ड दिया जाए जो वैक्सीन के फर्स्ट डोज का अपना सर्टिफिकेट (students will not appear in bihar board exam without vaccine) दिखाएंगे. ऐसे में बिहार बोर्ड के इस नए आदेश से मैट्रिक के लाखों परीक्षार्थियों के सामने नया संकट उत्पन्न हो गया है.
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दरअसल प्रदेश में मैट्रिक परीक्षा में अपीयर होने के लिए न्यूनतम आयु 14 वर्ष होती है. ऐसे में प्रदेश में मैट्रिक परीक्षा में शामिल होने वाले लाखों बच्चे ऐसे हैं जिनकी उम्र 14 वर्ष से अधिक है और 15 वर्ष से कम है. वैक्सीनेशन को लेकर सरकार के नए आदेश के तहत 15 से 18 वर्ष के बच्चों का ही टीकाकरण हो रहा है. ऐसे में जो बच्चे 14 वर्ष से अधिक है लेकिन 15 वर्ष नहीं पूरा हुआ है, उनकी समस्याएं बढ़ गई हैं, क्योंकि वह वैक्सीनेशन के दायरे से बाहर हैं.
वैक्सीनेशन के दायरे में नहीं आने के कारण कई स्कूलों से ऐसे बच्चों को एडमिट कार्ड नहीं दिया जा रहा है. हालांकि कुछ स्कूल जरूर ऐसे बच्चों को एडमिट कार्ड दे रहे हैं. इंटर के छात्रों के साथ ऐसी समस्या नहीं है क्योंकि उनकी उम्र 15 वर्ष से ऊपर है. पटना के वीरचंद पटेल पथ स्थित शहीद देवीपद चौधरी मिलर हाई स्कूल में मेट्रिक का एडमिट कार्ड लेने पहुंचे छात्र सौरव कुमार ने बताया कि, वह 15 वर्ष से ऊपर हैं और उन्होंने हाल ही में कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लिया है. वहीं एक और छात्र गौरव कुमार ने बताया कि, डमी एडमिट कार्ड के साथ वैक्सीन के फर्स्ट डोज का प्रमाण पत्र देने के बाद ही एडमिट कार्ड मिल रहा है और तमाम कागजात जमा कर वह एडमिट कार्ड लिए हैं.
"स्कूल में एडमिट कार्ड देने से पूर्व वैक्सीन के फर्स्ट डोज का प्रमाण पत्र, डमी एडमिट कार्ड, बैंक पासबुक की फोटो कॉपी, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर का डिटेल जमा करना पड़ रहा है. तब जाकर एडमिट कार्ड मिल रहा है. मेरे क्लास में काफी बच्चे ऐसे हैं जिनकी उम्र 15 वर्ष पूरी नहीं हो पाई है और उन लोगों को परेशानी है कि वह एग्जाम में अपीयर हो पाएंगे या नहीं."- सौरव कुमार,छात्र
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