पटना कॉलेज के छात्रों का प्रदर्शन पटना:दो हफ्ते पहले पटना कॉलेज में बमबाजी और गोलीबारीकी घटना सामने आने के बाद यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने सख्ती दिखाते हुए पटना कॉलेज के चारों छात्रावास को आनन-फानन में 24 घंटे का अल्टीमेटम देकर खाली करा दिया. हॉस्टल खाली कराए जाने के बाद से ही छात्र काफी परेशान हैं. छात्रों का कहना है कि जो इस घटना में शामिल हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन इसके लिए सभी छात्रों को हॉस्टल ने निकाल देना गलत है.
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किताब-कपड़े-कागजात हॉस्टल में बंद:इकबाल हॉस्टल के छात्र जुनैद अख्तर ने बताया कि कॉलेज कैंपस में कुछ दिनों पूर्व बमबाजी की घटना सामने आई थी. इसमें हॉस्टल का कोई छात्र नहीं था. प्रशासन भी अब तक नहीं पकड़ पाया कि कौन असामाजिक तत्व इन गतिविधियों में संलिप्त थे लेकिन हॉस्टल पर आरोप मढ़कर सभी हॉस्टल को आनन-फानन में खाली करा दिया गया. कॉलेज प्रबंधन को सुरक्षा का प्रबंध करना चाहिए था. छात्रों की लंबे समय से मांग थी कि सीसीटीवी इंस्टॉल किया जाए और असामाजिक तत्वों पर नजर रखा जाए लेकिन विश्वविद्यालय प्रबंधन अपनी गलतियों का ठीकरा छात्रों पर मढ़ रहा है.
"आनन-फानन में उनके हॉस्टल खाली करा दिया गया. जिस वजह से कपड़े, किताब और जरूरी डाक्यूमेंट्स हॉस्टल के कमरे में ही बंद हैं. थर्ड ईयर का रजिस्ट्रेशन का समय चल रहा है और उनके सभी डाक्यूमेंट्स हॉस्टल में हैं. हमारे सामने रहने और खाने की भी समस्या आन पड़ी है. वाइस चांसलर से मिलकर समस्या का समाधान चाहते हैं लेकिन कोई उनसे मिल नहीं रहा है"- जुनैद अख्तर, इकबाल हॉस्टल का छात्र
क्या कहना है पटना विश्वविद्यालय प्रबंधन का?:वहीं, पटना विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रोफेसर रजनीश कुमार का कहना है कि छात्रों को यदि कुछ समस्या है तो आकर बात करनी चाहिए, समस्याओं का समाधान जरूर होगा. किसी एक छात्र के लिए हॉस्टल का गेट नहीं खुलवाया जा सकता है. हॉस्टल के गेट पर जिला प्रशासन का ताला लगा हुआ है. ऐसे में छात्र को 1 दिन निर्धारित करें, उस दिन निर्धारित समय में उनको अपने जरूरी कागजात और कमरे का सामान निकाल कर ले जाने की अनुमति दिलाने का प्रबंध किया जाएगा.
"हॉस्टल खाली कराने से पहले छात्रों को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया था लेकिन छात्रों ने अल्टीमेटम का पालन नहीं किया. जिस वजह से छात्र यह समस्या झेल रहे हैं. विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कॉलेज में शैक्षणिक माहौल कायम करने के लिए इस प्रकार का कड़ा निर्णय लिया है"- प्रोफेसर रजनीश कुमार, प्रॉक्टर, पटना विश्वविद्यालय