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शिक्षक दिवस पर बोले छात्र- 'जमाने के साथ बदला है शिक्षा का प्रारूप, लेकिन गुरू का सम्मान आज भी उतना ही'

देशभर में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Sarvepalli Radhakrishnan) के जन्मदिन पर यानी 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teachers Day) के रूप में मनाया जा रहा है. इस मौके पर ईटीवी भारत की टीम ने कई विद्यार्थियों से शिक्षा के क्षेत्र और शिक्षकों में हुए बदलाव के बारे में बातचीत की.

पटना
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Published : Sep 5, 2021, 4:14 PM IST

पटना:शिक्षक (Teachers) हमारे जीवन को संवारने में एक बड़ी और महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. सफलता प्राप्ति के लिए वह हमारी कई प्रकार से मदद भी करते हैं. जैसे कि ज्ञान, कौशल, मन में विश्वास आदि को बताते हैं. शिक्षक हमारे जीवन को सही आकार में ढालने का प्रयास करते हैं. 5 सितंबर को देश में शिक्षक दिवस (Teachers Day) मनाया जा रहा है. महान व्यक्तित्व डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Sarvepalli Radhakrishnan) के जन्मदिन पर 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है.

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बचपन में माता-पिता से ज्ञान मिलता है, वो भी हमारे पहले गुरु होते हैं. साथ ही माता-पिता के द्वारा ये बताया जाता है कि शिक्षक का सम्मान करना चाहिए. हमारे जीवन में माता-पिता के बाद सबसे ज्यादा प्रभाव शिक्षक का होता है. लेकिन, वर्तमान में जो शिक्षक हैं और जो शिक्षा की स्थिति है वो 21वीं सदी में बहुत कुछ बदल गया है. ईटीवी भारत की टीम ने कई विद्यार्थियों से बात की और उनसे पूछा कि शिक्षा के क्षेत्र और शिक्षक में क्या कुछ बदलाव हुए हैं.

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''हमारे जिंदगी में शिक्षा का बड़ा महत्व है. मां जन्म देती है, लेकिन गुरु के द्वारा ही संस्कार मिलते हैं. गुरु माता के रूप में भी हो सकते हैं, पिता के भी रूप में हो सकते हैं या शिक्षक के रूप में हो सकते हैं. शिक्षा में कोई बदलाव नहीं हुआ है. शिक्षक में भी कोई बदलाव नहीं हुआ है.''- रवि रंजन कुमार तिवारी, विद्यार्थी

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''कोरोना काल के कारण शिक्षा जगत में बहुत सारे बदलाव आए हैं. साथ ही साथ जो शिक्षक हैं, वह भी अपने आपको काफी बदले हुए हैं. तब जाकर आज बच्चों को ऑनलाइन क्लास के माध्यम से लोगों को शिक्षा दे रहे हैं. साथ ही पहले के जमाने के टीचर की अपेक्षा वर्तमान में शिक्षकों को कहीं ज्यादा पढ़ना और पढ़ाना भी पड़ता है. जिस तरह से जमाना बदल रहा है उसी तरह से शिक्षा का प्रारूप भी बदल रहा है, लेकिन जो शिक्षक हैं वो आज भी गुरु हैं और कल भी गुरु ही थे.''- प्रिया कुमारी विद्यार्थी

विद्यार्थियों ने बताया कि जो पहले शिक्षक हैं, वही शिक्षक आज भी हैं. शिक्षक को गुरु का दर्जा दिया जाता है, इसलिए कोई बदलाव नहीं है. अगर देखा जाए तो जिस प्रकार से समाज में काफी कुछ बदलाव हो रहा है, काफी चीजें बदल रही हैं, उसमें शिक्षा पर भी प्रभाव पड़ा है.

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शिक्षक दिवस के दिन शिक्षकों को विद्यार्थी सम्मान देते हैं, लेकिन आपको बता दें कि वर्तमान में शिक्षक एकमात्र फॉर्मेट की शिक्षा विद्यार्थियों को देते हैं. जो कि महज सिर्फ जानकारी होती है, लेकिन गुरु अंतर्मन के अंधकार को भी मिटाने का कार्य करते हैं. ऐसे में शिक्षक दिवस के मौके पर गुरु व शिक्षक और ज्ञान व शिक्षा के फर्क को भी विद्यार्थी समझ रहे हैं. विद्यार्थियों ने शिक्षक दिवस के मौके पर सम्मान और आदर भाव के साथ बताया कि शिक्षक ही हमारे गुरु हैं, जो कि हमारे जीवन में सही रास्ता दिखाते हैं और उसी रास्ते पर चलकर हम अपने कैरियर को बनाते हैं. गुरु से बढ़कर दूसरा और कोई ज्ञाता नहीं है.

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