बिहार

bihar

ETV Bharat / state

BSSC Paper Leak: छात्र नेता दिलीप ने की परीक्षा रद्द करने की मांग, कहा- 'CBI जांच हो'

बिहार कर्मचारी चयन आयोग (Bihar Staff Selection Commission) ने तृतीय स्नातक स्तरीय संयुक्त परीक्षा प्रदेश के 38 जिले के 528 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की. बीते शुक्रवार को प्रथम शिफ्ट के परीक्षा के दौरान कुछ प्रश्न पेपर के फोटो व्हाट्सएप पर वायरल हुए थे. जांच के बाद वारयल प्रश्न पत्र की पुष्टि हुई. मामले को उजागर करने वाले छात्र नेता ने परीक्षा रद्द करने की मांग की.

BSSC परीक्षा रद्द करने की मांग
BSSC परीक्षा रद्द करने की मांग

By

Published : Dec 24, 2022, 8:24 PM IST

BSSC परीक्षा रद्द करने की मांग

पटना:बिहार की प्रतियोगी परीक्षाएं देश भर में पेपर लीक होने की वजह से बदनाम है. यह बदनामी थमने का नाम नहीं ले रहा. शिक्षा माफिया बिहार के पूरे सिस्टम में इस प्रकार से घुस गए हैं कि प्रदेश में कोई भी प्रतियोगी परीक्षा हो, उसका परीक्षा पेपर लीक होगी ही. इससे पहले बीपीएससी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान के द्वारा आयोजित 67वी प्रीलिम्स परीक्षा के दौरान जब पेपर लीक हुआ तो देशभर में यह चर्चा का विषय बना. एक बार फिर से BSSC CGL की परीक्षा पेपर लीक (BSSC Question Paper Leak In Bihar) हो गया, जो 8 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद आयोजित की जा रही थी.

यह भी पढ़ें:Bihar SSC CGL Paper Leak: BSSC पेपर लीक मामले में दर्ज की FIR, EOU की जांच शुरू

परीक्षा रद्द कराने की मांग:बीएसएससी परीक्षा पेपर लीक होने के बाद एक बार फिर से बिहार में परीक्षा के पूरे सिस्टम की किरकिरी हो रही है. इसको लेकर विपक्ष लगातार बिहार सरकार पर तीखा हमला कर रही है. इस मामले को उजागर करने वाले छात्र नेता दिलीप ने अब परीक्षा को रद्द करने की मांग की है. बता दें कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग 23 और 24 दिसंबर को कुल 3 पाली में परीक्षा आयोजित कर रहा है. बीते 23 दिसंबर को दो पाली की परीक्षा आयोजित की गई. दोनों पाली की परीक्षा में प्रश्नपत्र वायरल हो गए और वायरल प्रश्नपत्र की पुष्टि भी हो गई कि वही प्रश्न थे जो परीक्षा के दौरान वायरल हो रहे थे.

पढ़ें:BSSC Paper Leak : सेंटर पर जैमर लगे होने के बाद भी कैसे बाहर आ रहा पेपर, साहब! कुछ तो गड़बड़ है

"मेधावी छात्रों के साथ नाइंसाफी":छात्र नेता दिलीप ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि मात्र 2187 पदों के लिए परीक्षा हो रही है और 9 लाख के करीब परीक्षार्थी सम्मिलित हो रहे हैं. ऐसे में यदि परीक्षा रद्द नहीं होता है तो जिन चुनिंदा 3000 छात्रों के पास वायरल प्रश्नपत्र समय पर पहुंचा है, वह वह चयनित हो जाएंगे और यह पढ़े-लिखे मेधावी छात्रों के साथ नाइंसाफी होगा. उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्र पर जैमर की व्यवस्था है इसके बावजूद आयोग का कहना है कि किसी परीक्षा केंद्र से ही पेपर लीक हुआ है. ऐसे में जहां से पेपर लीक हुआ है, वहां से सॉल्वर गैंग पेपर को सॉल्व करके भी भेज दिया होगा.

"पेपर वायरल होने के बाद आर्थिक अपराध इकाई ने एक्शन लेना भी शुरू कर दिया है. लेकिन पूरे मामले की सीबीआई जांच की जाए, ताकि जो बड़े शिक्षा माफिया गिरफ्त में आ जाए. एक बार जब यह शिक्षा माफिया गिरफ्त में आ जाएंगे तो प्रदेश में परीक्षा का सिस्टम सुधर जाएगा. शिक्षा माफिया ही सभी प्रकार के प्रदेश की प्रतियोगी परीक्षाओं का प्रश्न वायरल करते हैं. आयोग के सदस्य भी इसमें कांड में शामिल हो सकते हैं. वह अभ्यर्थियों के हित में चाहते हैं कि परीक्षा रद्द हो. ऐसा नहीं होता है तो अभ्यर्थियों के हित में एक बार और पटना में बड़ा आंदोलन होगा"- दिलीप कुमार, छात्र नेता

मामले की CBI से जांच की मांग: छात्र नेता दिलीप (Student Leader Dilip) ने कहा कि 8 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद यह परीक्षा हो रही है. 2014 में इंटर लेवल की परीक्षा आयोजित की गई थी. जिसका रिजल्ट इसी वर्ष जून में आया है. उसमें भी काफी गड़बड़ी रही है और वैकेंसी के आलोक में 50% भी सीट फुल नहीं हुए हैं. यह पूरा सिस्टम पढ़े-लिखे प्रदेश के मेधावी छात्रों के साथ अन्याय कर रहा है. परीक्षा के लिए छात्र 2015 से ही तैयारी में लग गए थे. छात्र नेता ने मांग है कि पूरे परीक्षा को रद्द किया जाए, फिर सीबीआई जांच की जाए और दोषियों को पकड़ने के बाद ही पुनः परीक्षा आयोजित की जाए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details