पटना:अगर किसी चीज को दिल से चाहो तो सारी कायनात उसे तुमसे मिलाने में लग जाती है. ये डायलॉग तो आपने जरूर सुना होगा, लेकिन आज आपको असल में ये सच होते हुए भी बताएंगे. कृष्ण राय (Krishna Rai) कभी 50 रुपये के लिए संघर्ष करते थे, लेकिन कड़ी मेहनत के बूते उन्होंने लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा पास कर असिस्टेंट कमिश्नर (Assistant commissioner) का ओहदा हासिल कर लिया.
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आनंद : 'मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही...'
कृष्ण राय जब बड़े ओहदे पर पहुंच गया, तब उसके शिक्षक और सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार ने अपने ट्विटर हैंडल से कृष्ण राय की जीवनी साझा की, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. उन्होंने लिखा- 'राय ने अपने जीवन में काफी संघर्षों का सामना किया, लेकिन कभी हिम्मत नहीं हारी. आज वे असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर पहुंच गए हैं.'
''कभी 50 रुपये के लिए भी कई दिनों तक लगातार संघर्ष करने वाला मेरा शिष्य कृष्ण कुमार राय सुपर-30 के रास्ते जब यूपीएससी क्वालीफाई करके असिस्टेंट कमिश्नर बनकर आज मुझसे पहली बार मिलने आया तब मुझे सच में शिक्षक होने पर गर्व होने लगा. समाज के दबे-कुचले लोगों के प्रति उसकी संवेदनशीलता को देखकर मुझे यही लगा कि, 'मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही, हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए.''- आनंद कुमार, संस्थापक, सुपर-30