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पटनाः खत्म हो सकती है जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल, सरकार ने गठित की कमेटी

सोमवार सुबह 8 बजे मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. 8 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. जिसमें ओपीडी के साथ-साथ इमरजेंसी सेवाएं भी ठप थीं.

पटना

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Published : Sep 23, 2019, 4:50 PM IST

पटना : हड़ताली जूनियर डॉक्टर्स काम पर लौट जाएंगे. जानकारी के अनुसार शाम 5 बजे हड़ताल वापस लिया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग के प्रधानसचिव के आश्वासन के बाद जूनियर डॉक्टरों ने यह बात मानी है.

5 सदस्यीय कमेटी का गठन
मिली जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग ने जेडीए की मांगों को लेकर कमेटी का गठन किया है. 5 सदस्यीय कमेटी का गठन हुआ है. इस कमेटी में 2 प्राचार्य, जेडीए सदस्य, ज्वाइंट सेक्रेटरी शामिल होंगे. समस्याओं को सुलझाने के लिए 7 अक्टूबर तक का समय दिया गया है.

पूरी रिपोर्ट

इमरजेंसी सेवाएं भी थीं ठप

बता दें कि सोमवार सुबह 8 बजे मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. 8 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. जिसमें ओपीडी के साथ-साथ इमरजेंसी सेवाएं भी ठप थीं.

दिनभर भटकते रहे मरीज

जूनियर डॉक्टरों की प्रमुख मांगें
- जूनियर डॉक्टरों की मांग है कि मेडिकल अफसरों की बहाली में मेरिट और आयु सीमा को तय की जाए.
- उन्होंने मेडिकल अफसरों की बहाली में गृह प्रशुक्षकों को भी शामिल करने की बात रखी.
- उनकी मांग है कि एक साल एसआर कराने के बाद मेडिकल अफसरों को असिस्टेंट प्रोफेसर के बहाली के लिए भी योग्य माना जाए. उन्होंने पीजी और यूजी की स्टाइपेंड बढ़ाने की भी मांग की.
- पीजी के 3 साल के बांड की अवधि को सीनियर रेजिडेंट में समायोजित किया जाए व प्रमाण पत्र निर्गत किया जाए
- सीनियर रेजिडेंट की बहाली की उम्र सीमा 37 से 45 वर्ष किया जाए
- जो छात्र एमबीबीएस/पीजी जी की एकेडमी की परीक्षा में कई प्रयास में पास किए हैं उन्हें भी आईजीएमएस और एम्स की तर्ज पर सीनियर रेजिडेंट के लिए योग्य माना जाए
- आईजीएमएस के तर्ज पर पीजी का स्टाइपेंड 50, 55, 60 हजार के जगह 80, 85, 90 हजार रुपये और इंटरन का 15 हजार से 24 हजार रुपये मासिक किया जाए

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