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'स्ट्रीट वेंडरों को उजाड़ना बंद करे पटना नगर निगम, अन्यथा पूरे बिहार में होगा आंदोलन'

पटना में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत सड़कों के किनारे से फुटपाथ विक्रेताओं और स्ट्रीट वेंडरों को हटाया जा रहा है. इसी को लेकर शहर के स्ट्रीट वेंडरों में नगर निगम पटना के खिलाफ आक्रोश (Street vendors protest in Patna) व्याप्त हो गया है और सभी फुटपाथ विक्रेताओं ने बैठक कर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की है. पढ़ें पूरी खबर..

पटना में स्ट्रीट वेंडरों का में विरोध
पटना में स्ट्रीट वेंडरों का में विरोध

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Published : Dec 10, 2022, 4:58 PM IST

पटनाःबिहार की राजधानी पटना में इन दिनों अतिक्रमण हटाओ अभियानचला (Campaign to remove encroachment in Patna ) रहा है. फुटपाथ किनारे लगी दुकानों को बुलडोजर से ध्वस्त किया जा रहा है. स्ट्रीट वेंडर सामान बेचने के लिए फुटपाथ या अन्य सार्वजनिक अथवा निजी स्थानों पर दुकान लगाते हैं. अब जब इन स्ट्रीट वेंडरों को अतिक्रमण के नाम पर हटाया जा रहा है, तो इनलोगों ने भी आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है. वेंडरों में आक्रोश है और इसको लेकर नासवी की ओर से मानवाधिकार दिवस के दिन स्ट्रीट वेंडरों ने विरोध स्वरूप एक बैठक की.

पटना में स्ट्रीट वेंडरों का में विरोध

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फुटपाथ विक्रेता अतिक्रमणकारी नहीं स्वरोजगारी हैंः पटना के चौक चौराहों से वेंडरों को नगर निगम हटा रही है. इससे परेशान वेंडरों ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आगाह किया गया है. नासवी के दीपक कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि स्ट्रीट वेंडर्स भी मानव हैं. इन्हें भी जीवन जीने का अधिकार है, लेकिन इन दिनों शहर में नगर निगम के द्वारा वेंडर की आजीविका के अधिकारों का हनन किया जा रहा है. हमलोग अतिक्रमणकारी नहीं, स्वरोजगारी हैं, फिर भी नगर निगम के द्वारा परेशानी बढ़ाई जा रही है.

स्ट्रीट वेंडरों ने की आंदोलन को लेकर बैठकः दीपक ने कहा कि इसी को लेकर के एक बैठक बुलाई गई है. इसमें नगर निगम प्रशासन के खिलाफ चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने को लेकर चर्चा की गई. दीपक कुमार ने कहा कि जितने भी स्ट्रीट वेंडर्स हैं वह अपनी आजीविका और परिवार के भरण पोषण के लिए सड़क किनारे दुकान लगाते हैं. ऐसे में सरकार को इसमें हस्तक्षेप कर इनको स्वरोजगार करने दिया जाए.

हटाओ-उजाड़ो बंद नहीं हुआ तो होगा आंदोलनःदीपक ने कहा कि स्ट्रीट वेंडर्स को नगर निगम के द्वारा प्रमाण पत्र आईडी तक बना दिया गया है, लेकिन स्वरोजगारी घोषित नहीं किया गया है. अगर नगर निगम प्रशासन को वेंडरों से परेशानी हो रही है तो उनके लिए जगह चिह्नित कर दिया जाए. प्रतिदिन ठेला हटाओ-उजाड़ो अभियान बंद किया जाए. अगर हटाओ-उजाड़ो अभियान बंद नहीं किया गया तो चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा. इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है. 20 दिसंबर को पूरे बिहार में नगर निगम प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ आंदोलन होगा और सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव किया जाएगा.



"स्ट्रीट वेंडर्स भी मानव हैं. इन्हें भी जीवन जीने का अधिकार है, लेकिन इन दिनों शहर में नगर निगम के द्वारा वेंडर की आजीविका के अधिकारों का हनन किया जा रहा है. हमलोग अतिक्रमणकारी नहीं, स्वरोजगारी हैं, फिर भी नगर निगम के द्वारा परेशानी बढ़ाई जा रही है"-दीपक कुमार, नासवी

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