पटनाः बिहार विधानसभा की तारापुर और कुशेश्वरस्थान सीट (Tarapur and Kusheshwarsthan) पर उपचुनाव (By Election) की सरगर्मी इतनी है, जितनी शायद पिछले विधानसभा चुनाव में भी नहीं थी. ऐसा इसलिए कि दोनों सीटों पर जेडीयू (JDU) की लड़ाई जहां नाक बचाने की है, वहीं विपक्षी दलों के लिए यह अपनी मजबूत दावेदारी दिखाने की जंग है. इस बीच इन दोनों सीटों को जीतने के बाद बिहार में सरकार गिरने के तेजस्वी यादव (Tejashwi yadav) के दावे ने सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर दी है.
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दरअसल, तेजस्वी यादव ने कहा है कि अगर ये दोनों सीट जेडीयू हार जाती है और आरजेडी जीत जाती है तो बिहार में खेला हो जाएगा. खेला होने का तात्पर्य बंगाल के संदर्भ में सरकार बनाने या गिराने से है. तेजस्वी यादव ने इन सीटों के जीत लेने के दम पर बिहार में खेला होने का दावा किया है.
तेजस्वी यादव के जब इस दावे को समझने के लिए प्रदेश के सियासी दलों की मौजूदा राजनैतिक स्थिति को समझना जरूरी है. क्योंकि यह सवाल अहम हो जाता है कि कांग्रेस को महागठबंधन के खाते में कुल 110 सीटें ही हैं, जबकि सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 122 होना चाहिए. ऐसे में इन दोनों सीटों को आरजेडी जीत भी लेती है तो 110 में दो सीटें और जुड़ जाएंगी. बावजूद इसके वह बहुमत के आंकड़े से काफी दूर ही है.
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लेकिन, तेजस्वी के दावे के अनुसार महागठबंधन को सरकार बनाने के लिए 10 और सीटें चाहिए जिससे की जादुई आंकड़ा को छुआ जा सके. अब यह तोड़जोड़ की राजनीति के जरिए ही संभव है. वरिष्ठ पत्रकार और राजनैतिक मामलों के जानकार रवि उपाध्याय कहते हैं कि इस वक्त बिहार में सरकार जीतनराम मांझी और मुकेश सहनी के भरोसे ही चल रही है.
ग्राफिक्स के जरिए समझें गणित मांझी भी वक्त-बेवक्त भाजपा को कटघरे में खड़े करते रहते हैं. सहनी के तेवर भी यूपी में तल्ख नजर आ रहे हैं. इस लिहाज से सूबे में सरकार बदलने की स्थिति तभी संभव है, जब मांझी और सहनी पाला बदल लें. इसके साथ ही एआईएमआईएम की भूमिका भी अहम है, क्योंकि उसके खाते में भी 5 सीटें हैं. इस लिहाज से तेजस्वी यादव के दावे को हल्के में नहीं लेना चाहिए.
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इन सब परिस्थितियों को देखते हुए राजद के नेता एजाज अहमद कहते हैं कि समय बदलते देर नहीं लगती है. पिछले साल नवंबर में गड़बड़ी कर एनडीए ने सरकार बना ली. इस बार जनता का मूड हमारे पक्ष में है और जब जनता हमारे साथ होगी तो अभी जो लोग एनडीए के साथ हैं, वह भी हमारे साथ आ जाएंगे.
ग्राफिक्स के जरिए समझें गणित हालांकि, मांंझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता विजय यादव ने ऐसी किसी संभावना से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि वे मजबूती के साथ एनडीए के साथ खड़े हैं. तेजस्वी यादव ख्याली पुलाव पका रहे हैं. इस उपचुनाव में जेडीयू के उम्मीदवारों की जीत तय है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इन दोनों सीटों पर जारी लड़ाई को जनता किस अंजाम पर छोड़ती है.