पटना:रेल बजट 2019 में पीपीपी के प्रावधान को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साध रहा है. पीपीपी यानी कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के बारे में जब ईटीवी भारत ने डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी जानना चाहा तो उन्होंने इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी.
जानिए सुशील मोदी की जुबानी, क्या है रेल बजट में आए 'थ्री-P' की कहानी
रेल बजट 2019 में पीपीपी का प्रवधान है. इसको लेकर रेलवे का निजीकरण करने की बात से विपक्ष निशाना साध रहा है. बिहार के वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने इस पर अपनी राय रखी है.
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क्या बोले सुमो-
- पेश हुए बजट में कहीं भी निजीकरण की कोई बात नहीं की गई है.
- पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप 10 साल से लागू है.
- देश के सभी राज्यों में ये लागू है.
- एयरपोर्ट पर पीपीपी और सड़कों पर भी ये लागू है.
- निजीकरण अलग चीज है, पीपीपी अलग.
क्या है पीपीपी मोड
बिहार के वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि पीपीपी कोई नई चीज नहीं है. यूपीए सरकार ने 10 साल पहले ही इसे लागू किया था. पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप का इसका अर्थ है कि जन निजी भागीदारी. जन यानी सरकार, निजी यानी प्राइवेट दोनों मिलकर काम करेंगे. पीपीपी मोड पर ही काम होगा.