पटना: पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के प्रधान सचिव एन विजयलक्ष्मी ने दावा किया है कि इसी साल बिहार में मछली की उत्पादकता इतनी बढ़ जाएगी कि प्रदेश की मांग के अनुसार मछली उत्पादन होने लगेगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल बिहार की मांग 6.42 लाख मीट्रिक टन है. इस साल हम इस डिमांड को पूरा करेंगे. इससे डिमांड और सप्लाई का गैप पूरा हो जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि अभी भी बिहार से नेपाल और अन्य प्रदेशों में लगभग 30 हजार मीट्रिक टन मछली एक्सपोर्ट की जा रही है.
'अब बिहार में होगा मछली का बंपर उत्पादन, नहीं मंगाई जाएगी अन्य राज्यों से मछलियां' - nitish kumar
एन विजयलक्षमी ने कहा कि जल जीवन हरियाली योजना के तहत बिहार में तेजी से तालाब का निर्माण हो रहा है और हमारी सरकार फिशरीज को प्रोत्साहित करने के लिए भी कई योजना चला रही है. इससे मछली उत्पादन तेजी से बढ़ेगा.
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एन विजयलक्षमी ने कहा कि जल जीवन हरियाली योजना के तहत बिहार में तेजी से तालाब का निर्माण हो रहा है और हमारी सरकार फिशरीज को प्रोत्साहित करने के लिए भी कई योजना चला रही है. इसके अंतर्गत मछली के बीज के लिए नए हैचरी भी बनाये जा रहे हैं. जिससे मछली उत्पादन करने वाले किसानों को बीज की कमी नहीं हो. इससे मछली उत्पादन को काफी मदद मिलेगी और ये बढ़ेगा.
मछली उत्पादन में प्रदेश बनेगा आत्मनिर्भर
विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि जल जीवन हरियाली योजना से बिहार में मछली उत्पादन तेजी से बढ़ेगा और बिहार मछली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो जाएगा. साथ ही बिहार से बाहर भी मछली भेजा जाएगी. विभाग का दावा अगर सच हुआ, तो वो दिन दूर नहीं कि बिहारियों की थाली में सिर्फ और सिर्फ बिहार में उत्पादित मछली होगी. आंध्र प्रदेश से आने वाली मछली का बाजार खत्म हो जाएगा.