पटना: बिहार विधानसभा(Bihar Assembly) परिसर में विधायकों के साथ पुलिसिया बदसलूकी और मारपीट की घटना को लेकर सदन के अंदर और बाहर बवाल मचा था. घटना की जांच को लेकर आवाज उठी तो जांच का जिम्मा आचार समिति (Ethics Committee) को सौंपा गया था. लेकिन अब तक रिपोर्ट सदन के पटल पर नहीं आ सका है.
यह भी पढ़ें-विधायकों से मारपीट मामले में सिपाहियों को बनाया बलि का बकरा, SP पर क्यों नहीं हुई कार्रवाई: राजद
बजट सत्र के दौरान बिहार विधानसभा में 23 मार्च को अभूतपूर्व हंगामा हुआ था. गृह विभाग से संबंधित विधेयक को लेकर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया था और ऐतिहासिक हंगामे के बाद सदन के अंदर पुलिस को बुलाना पड़ा था. पुलिस ने बल प्रयोग किया था. इस दौरान कई विधायकों को चोटें आई थी. हाय तौबा मचने के बाद मामले को आचार समिति को सौंपा गया था.
'पुलिस ने सदन के अंदर विधायकों के साथ अमर्यादित व्यवहार किया था. कई विधायकों को पीटा गया था. हम चाहते हैं कि जांच रिपोर्ट जल्द आए ताकि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके. चूंकि यह स्पष्ट है कि विधायक मर्यादा में रहकर ही विरोध कर रहे थे. लेकिन पुलिस आई जो गैरकानूनी था. हमें लगता है जिसने यह आदेश दिया था उन अधिकारियों पर एक्शन लेना चाहिए'- अजीत कुशवाहा, वाम विधायक
लगभग 4 महीने बीत चुके हैं लेकिन अब तक आचार समिति की रिपोर्ट नहीं आई है. समिति की दो बैठक हो चुकी है और अगली बैठक 2 अगस्त को होने वाली है. जांच रिपोर्ट आने में देरी से विधायकों में असंतोष है.
'लंबा समय गुजर गया लेकिन अब तक रिपोर्ट नहीं आई. रिपोर्ट ना आना मुनासिब नहीं है. जांच रिपोर्ट में देरी होने से असंतोष बढ़ रहा है. आचार समिति को शीघ्र जांच कर रिपोर्ट देना चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके. हमने विधानसभा अध्यक्ष से निवेदन किया है कि जल्द से जल्द इस मुद्दे को खत्म किया जाए'- अख्तरुल इमान, प्रदेश अध्यक्ष, एआईएमआईएम
बता दें कि बिहार विधान सभा के इतिहास में 23 मार्च की घटना काला दिन के रूप में दर्ज हो गया है. अब घटना में एक तरफ जहां पुलिस पदाधिकारियों के रवैये की जांच हो रही है. वहीं दूसरी तरफ विधायकों के रवैये की भी जांच आचार समिति कर रही है.