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'अब राजधानी भी नहीं रहा सुरक्षित', बोलीं बेटियां- शाम के बाद बाहर जाने पर लग गई है पाबंदी - बाढ़ पुलिस

क्या नीतीश कुमार की सरकार व प्रशासन पर पकड़ ढ़िली हो गई है? क्या नीतीश कुमार अब 'सुशासन बाबू' की छवि खोते जा रहे हैं? आप सोच रहे होंगे कि ये सवाल क्यों? क्योंकी, 'सुशासन बाबू' के नाम से मशहूर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राज में अपराध का ग्राफ नीचे उतर ही नहीं रहा है. वहीं बात करें राजधानी पटना की, तो यहां लोगों के अंदर डर है. बेटियां सुरक्षित नहीं है.

पटना पुलिस

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Published : Oct 21, 2019, 8:03 AM IST

पटना: बिहार में नीतीश कुमार सुशासन बाबू कहे जाते हैं. सुशासन का मतलब अच्छा शासन. लेकिन, बिहार में तेजी से बढ़ते अपराध के बीच नीतीश सरकार के सुशासन की पोल खुलती नजर आ रही है. प्रदेश में बढ़ते अपहरण, लूटपाट, हत्या, छेड़खानी, महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. सरकार को आइना दिखाने के लिए ईटीवी भारत की टीम आम लोगों से बात कर रही है. आइए जानते हैं प्रदेश की जनता लॉ एंड ऑर्डर पर क्या बोलती है.

यूं तो राजधानी पटना में राजनीतिक हलचल तेज रहती है. लेकिन इसके साथ-साथ क्राइम की खबरें भी सुर्खियों में रहती है. यहां अपराधी खुलकर हत्या, मर्डर और लूट जैसी वारदातों को अंजाम देते हैं. कभी रंजिशन किसी की हत्या कर दी जाती है, तो कभी लूट के इरादे से. वहीं, फायरिंग से तो राजधानी आए दिन दहलती है.

पटना से खास रिपोर्ट

'डर लगता है'
राजधानी में बढ़ते अपराध के चलते एक स्थानीय युवक ने कहा कि अब तो राजधानी में भी डर लगता है. यहां हर दिन किसी के साथ छिनैती तो किसी के साथ मारपीट की वारदातें होती रहती हैं. वहीं, अपराधी बेखौफ हैं. प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है.

आमजन

'कब क्या हो जाए पता नहीं'
लूट की एक घटना का जिक्र करते हुए एक अन्य स्थानीय युवक ने बताया कि मेरे देखते ही देखते लूट हो गई. उसके बाद से मैं डरा हुआ हूं. राह चलते कब क्या हो जाए कुछ पता नहीं है. सुशासन सरकार में अपराध तेजी से बढ़ा है.

पुलिस व्यवस्था लचर- स्थानीय

रोज पास होती है कमेंट-छात्राएं
कॉलेज और कोचिंग से लौट रही छात्राओं से जब ईटीवी भारत ने बात की, तो उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि हमें रोज गंदी-गंदी कमेंट्स का सामना करना पड़ता है. हम कुछ नहीं बोलते हैं क्योंकि आवाज उठाने पर कमेंट्स के अलावा हमारे साथ कुछ भी हो सकता है. इसलिए मुंह बंद कर हम अपने रास्ते चलते बनते हैं. वहीं, एक अन्य छात्रा ने कहा कि हर मिनट, हर सेकेंड हम डर के साये में रहते हैं.

लड़के करते हैं कमेंट- छात्रा

शाम को घर से बाहर नहीं जाने देते परिजन
युवतियों के साथ-साथ राजधानी के युवाओं में भी डर है. एक युवक ने कहा कि बढ़ते अपराध के चलते घर वाले बाहर नहीं जाने देते हैं. डर लगता है. परिजन कहते हैं शाम ढलने से पहले ही घर पर रहो और शाम को कहीं निकलने पर भी पाबंदी है.

स्थानीय युवक

युवाओं का दोष-बुजुर्ग
वहीं, बुजुर्ग ने बताया कि युवाओं में आक्रोश ज्यादा है. कुछ सही समझाने पर वो नहीं मानते हैं. गुस्से में आकर गलत कर बैठते हैं. राजधानी में क्राइम तो बढ़ा ही है. डर लगना स्वभाविक है.

स्थानीय बुजुर्ग

हाल ही में घटी ये आपराधिक घटनाएं...

  • दानापुर थाना क्षेत्र के न्यू ताराचक में जुए के अड्डे पर रंगदारी न देने पर युवक की हत्या.
  • राजधानी में एक दिव्यांग किशोरी की दुष्कर्म के बाद गला रेत कर हत्या कर दी गई.
  • पालीगंज के मधवां गांव में दहेज दानवों ने नवविवाहिता की हत्या कर दी.
    पल-पल डर लगता है- छात्रा

ऐसे कई मामले राजधानी से आए दिन सामने आ रहे हैं, जिनके बाद लोग खौफजदा है.

बिहार की क्राइम रिपोर्ट

बिहार पुलिस का क्राइम रिकॉर्ड
अब अगर बिहार पुलिस के जुलाई तक के क्राइम रिकॉर्ड पर गौर करें तो जुलाई 2019 तक 893 दुष्कर्म की घटना दर्ज की गई है. वहीं 1,853 हत्या के मुकदमे लिखे जा चुके हैं. ऐसे में सवाल जस के तस हैं कि आखिर कब सुरक्षित होंगी बिहार में बेटियां. आखिर कब अपराध मुक्त बनेगा बिहार क्योंकि इतनी घटनाओं के बाद भी अब तक पुलिस प्रशासन की अंतरात्मा नहीं जागी है. तो दूसरी तरफ लोग पूछ रहे हैं कि कहां हैं सुशासन बाबू?

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