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HAM की 'अगस्त क्रांति': बोले मांझी- NDA और महागठबंधन ने हमेशा ठगा है, अकेले लड़ेंगे विस चुनाव

मांझी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को मात्र तीन ही सीट मिली थीं. जबकि पार्टी 5 सीटों पर चुनाव लड़ना चाह रही थी. इसलिए पार्टी के कार्यकर्ताओं का मन है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी अकेले ही चुनाव में लड़े.

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Published : Aug 9, 2019, 5:00 PM IST

पटना: पूर्व मुख्यमंत्री सह हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने पार्टी विधानसभा चुनाव को लेकर सदस्यता अभियान की शुरूआत की. वहीं, मांझी ने कड़ा तेवर अपनाते हुए कहा कि एनडीए और महागठबंधन ने हमेशा ठगने का काम किया है. विधानसभा चुनाव हम अकेले ही लड़ेगी. वहीं, उन्होंने कई वादे भी किए हैं.

विधानसभा चुनाव को लेकर जहां एक ओर राजद ने अगस्त क्रांति के दिन सदस्यता अभियान की शुरूआत की है. वहीं, दूसरी ओर हम ने भी सदस्यता अभियान की शुरूआत करते हुए 3 माह के अंदर 5 लाख नए सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है. पार्टी अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने अपने आवास से सदस्यता अभियान की शुरूआत की. इस कैंपेन में प्रदेश भर से आए लोगों ने सदस्यता ग्रहण की. पार्टी ने सदस्यता शुल्क पांच रुपये रखा है. वहीं, जीवन भर पार्टी का सदस्य बने रहने के लिए पार्टी ने एक हजार रुपये की राशि निर्धारित की है.

सदस्यता फॉर्म पर हस्ताक्षर करते मांझी

क्या बोले मांझी
सदस्यता अभियान के मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा का विचार अन्य पार्टियों से अलग है. यदि प्रदेश में हमारी सरकार बनती है, तो हमारे दो लक्ष्य हैं. पहला समान शिक्षा. इसके तहत हर वर्ग के लोगों को समान शिक्षा मिलेगी. वहीं, दूसरा लक्ष्य है कि वोट के समय को हमेशा गरीबों को ठगा जाता है. इसके लिए हम प्रयास करेंगे कि सभी लोगों का वोटर आईडी कार्ड आधार से लिंक करवा दिया जाए. ताकि वोटिंग के दौरान गड़बड़ी न हो और लोग अपने मत का सही से प्रयोग कर सकें.

जीतन राम मांझी, हम प्रमुख

मांझी का नया स्टैंड
सदस्यता अभियान के बाद मीडिया से बात करते हुए मांझी ने कड़े तेवर दिखाते हुए कहा कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को हमेशा से ही एनडीए और महागठबंधन के नेताओं के माध्यम से ठगा जाता रहा है. लोकसभा चुनाव में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को मात्र तीन ही सीट मिली थीं. जबकि पार्टी 5 सीटों पर चुनाव लड़ना चाह रही थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसलिए पार्टी के कार्यकर्ताओं का मन है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी अकेले ही चुनाव में लड़े.

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