पटना: अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह अपने विरोधियों पर ट्वीट के जरिए हमला किया है. गिरिराज सिंह के ट्वीट के बाद सवाल उठ रहे है कि क्या यह ट्वीट, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए तो नहीं है?
बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक ट्वीट किया है. गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर लिखा- 'साजिश करने वालों से कह दो चिंगारी का खेल बुरा होता है.' साथ ही, उन्होंने भारत रत्न और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का एक वीडियो पोस्ट किया.
इस पोस्ट में भारत रत्न की एक कविता को ट्वीट किया है...
एक नहीं, दो नहीं, करो बीसों समझौते
पर स्वतंत्र भारत का मस्तक नहीं झुकेगा.
अगणित बलिदानों से अर्जित यह स्वतंत्रता
त्याग, तेज, तप, बल से रक्षित यह स्वतंत्रता
प्राणों से भी प्रियतर यह स्वतंत्रता.
इसे मिटाने की साजिश करने वालों से
कह दो चिंगारी का खेल बुरा होता है
औरों के घर आग लगाने का जो सपना
वह अपने ही घर में सदा खरा होता है.
-भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी
गिरिराज ने कहा- बिना CM की इजाजत के कैसै हुआ?
चिट्ठी विवाद पर एक समाचार चैनल से बात करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि ये सवाल सुशील कुमार मोदी से पूछा जाना चाहिए कि उनके सरकार में रहते हुए ये सब कैसे हुआ। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इतना बड़ा फैसला आखिर सीएम नीतीश कुमार की अनुमति के बिना कैसे लिया गया?
क्या था गिरिराज सिंह का रिट्वीट?
इससे पहले गिरिराज सिंह ने एक ट्वीट को रिट्वीट किया था. यह ट्वीट बीजेपी के संगठन भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संतोष रंजन राय का था. ट्वीट में लिखा था-'कहां घिनौनी राजनीति में लगे पड़े हैं माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ..समाज की सेवा में लगे संघ एवं संघ के अंगों की जांच करवा कर क्या मिलेगा?? बिहार बाढ़,अपराध,और बेरोज़गारी की चपेट में है उसका संज्ञान लीजिए..कुछ काम कीजिए.आपके पास नया आयडीया ख़त्म हो गया है.'
यहां आपको बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य के गृहमंत्री भी हैं. ऐसे में आरएसएस नेताओं के सम्बंध में जानकारी जुटाने के गृह विभाग के उक्त आदेश पर सवाल उठ रहे है.
RSS जासूसी मामला : क्या था पूरा विवाद?
बता दें की बिहार पुलिस के विशेष शाखा ने सभी अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए एक चिट्ठी जारी कि थी. चिट्ठी में कहा गया था कि आरएसएस और उससे जुड़े 19 सहयोगी सगंठनों के पदाधिकारियों का नाम, पता, फोन नंबर और पेशे का ब्यौरा एक हफ्ते के अंदर जुटाया जाए. पदाधिकारियों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष या संयुक्त सचिव और ऐसे ही दूसरे पदभार संभाल रहे लोगों का ब्यौरा मांगा गया.
चिट्ठी में आरएसएस के अलावा विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू जागरण समिति, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, हिंदू राष्ट्र सेना, राष्ट्रीय सेविका समिति, शिक्षा भारती, दुर्गा वाहिनी, स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय रेलवे संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, अखिल भारतीय शिक्षक महासंघ, हिंदू महासभा, हिंदू युवा वाहिनी और हिंदू पुत्र संगठन का नाम शामिल हैं.