पटना: सीएम नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) के मौके पर कर्मचारियों के लिए बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र साठ वर्ष है, उसे बढ़ा देना चाहिए क्योंकि रिटायरमेंट के बाद भी लोग काम करने लायक रहते हैं. शिक्षा दिवस के अवसर पर ज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में शिक्षकों को पुरस्कार से नवाजते हुए सीएम ने ये बात कही है.
सीएम ने कहा कि शिक्षकों की उम्र रिटायरमेंट के बाद भी काम करने लायक है, तभी तो यह बच्चों को पढ़ा रहे हैं इसलिए मेरा मानना है कि 60 वर्ष रिटायरमेंट की कोई उम्र नहीं होती है. इसके बाद भी लोग काम करने लायक रहते हैं इसलिए इनकी रिटायरमेंट उम्र सीमा बढ़ाई जानी चाहिए. उन्होंने अटल बिहारी वाजपयी के शासन काल की याद दिलाते हुए कहा कि जब अटल जी की सरकार थी. तब रिटायरमेंट 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 साल कर दी थी. हम केंद्र सरकार से मांग करेंगे कि इस पर ध्यान दिया जाए.
ज्ञान भवन में आयोजित की गई प्रदर्शनी 2 को दिया मौलाना मजरुल हक आवार्ड
बिहार में शिक्षा दिवस के अवसर पर इस बार 2 लोगों को मौलाना मजरुल हक अवार्ड दिया गया है. यह अवार्ड शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को दिया जाता है. जिनको अवार्ड दिया गया है, वो रिटायरमेंट के बाद भी गरीब बच्चों को पढ़ाने का काम कर रहे थे.
सीएम ने कही ये बातें...
- अब गांधी मैदान में हो शिक्षा दिवस का आयोजन. इसके लिए विभाग को दिया गया निर्देश. ज्ञान भवन से अलग अब मैदान में आयोजित होगा कार्यक्रम.
- सीएम नीतीश कुमार बोले शिक्षा दिवस समारोह को बेहतर तरीके से मनाया जा रहा है. बिहार सरकार के 2007 से हो रहे आयोजन को देखकर ही केंद्र सरकार भी आयोजन करती आ रही है.
ज्ञान भवन में आयोजित की गई प्रदर्शनी - मौलाना कलाम आजाद जी के काम को भुलाया नहीं जा सकता है. वो कभी देश के बंटवारे के पक्ष में नहीं रहे. समाज एकजुट रहे और सभी एक-दूसरे की इज्जत करें. इसपर वो काम करते रहे हैं.
- मौलाना साहब के कारण ही बंटवारे के बाद भी मुस्लिम समाज यहां रहा. पलायन रुका.
- मौलाना जी ने महिलाओं की शिक्षा के लिए काफी काम किया है.
- शिक्षा से लोगों का भाविष्य सुधर जाएगा, जिंदगी संवर जाएगी.
- आठवीं क्लास के छात्र को स्कूलो मे मौलाना आजाद के बारे मे सामाजिक विज्ञान के विषय मे पढ़ाया जाएगा.
- हमने शिक्षक नियोजन करवाया और उनके लिए काम भी कर रहे है. नियोजन करवाया जा रहा है.
- सभी पंचायत में उच्च माध्यमिक विद्यालय का निर्माण करवाया जा रहा है.
- शिक्षा से ही प्रजनन दर कम की जा सकती है. पति-पत्नी अगर शिक्षित हैं, तो प्रजनन घटता है.
- हर पंचायत में हाईस्कूल का निर्माण किया जा रहा है. अप्रैल 2020 तक हर पंचायत में नौवीं तक की पढ़ाई शुरू हो जाएगी.