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सदन में बोले CM नीतीश- बिहार एक पिछड़ा राज्य, इसकी तुलना विकसित राज्यों से क्यों करते हैं

पिछड़ा राज्य होने के बावजूद सभी 60 वर्ष से अधिक उम्र के वृद्धजनों के लिए स्कीम लाया गया है. उसके लिए सरकार 18 सौ करोड़ से अधिक राशि खर्च करने जा रही है.

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Published : Jul 12, 2019, 5:41 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा में आरजेडी नेता अब्दुल बारी सिद्धकी ने समाज कल्याण विभाग की ओर से दी जा रही सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि 64 लाख से अधिक पेंशन धारियों में से 17 लाख से अधिक लोगों का पेंशन रोक दिया गया है. आधार कार्ड के कारण पिछले 3 साल से पेंशन रुका हुआ है. साथ हीं, कई राज्यों की तुलना में बिहार का सामाजिक पेंशन काफी कम है.

आधार कार्ड के कारण किसी का भी पेंशन नहीं रोका गया

इस पर समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है. केवल 1 लाख 22 हजार लोगों का ही पेंशन रोका गया है. उन्होंने बताया कि आधार कार्ड के कारण किसी का भी पेंशन नहीं रोका गया है, उसके कई कारण हैं. बिहार में कोई भी पेंशन से वंचित नहीं रहेगा.

मामले की जानकारी देते समाज कल्याण मंत्री

बिहार की तुलना विकसित राज्यों से क्यों करते हैं?

कम पेंशन वाली बात पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हस्तक्षेप करते हुए सदन में जवाब दिया. उन्होंने कहा कि आप भी वित्त मंत्री रहे हैं, बिहार की तुलना विकसित राज्यों से क्यों करते हैं. उन्होंने कहा कि जिन राज्यों तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, हरियाणा की चर्चा की गई है, सब विकसित राज्य हैं. बिहार एक पिछड़ा राज्य है, जिसकी तुलना में उन राज्यों का पर कैपिटा इनकम काफी अधिक है. लेकिन इसके बावजूद हम लोगों ने सभी 60 वर्ष से अधिक उम्र के वृद्धजनों के लिए स्कीम लाया है. उसके लिए सरकार 18 सौ करोड़ से अधिक राशि खर्च करने जा रही है.

मुख्यमंत्री के जवाब के बाद अब्दुल बारी सिद्धकी ने कहा यह अच्छी बात है कि सरकार सभी वृद्धजनों को पेंशन देने के लिए स्कीम लाई है. वह कुछ और बोलना चाहते थे लेकिन मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के कारण विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उन्हें दोबारा कुछ और बोलने का मौका नहीं दिया गया.

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