पटना: राजधानी पटना के सिन्हा लाइब्रेरी रोड स्थित बीआईए सभागार में सोमवार के दिन जल जीवन हरियाली विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया. सेमिनार में मुख्य वक्ता के तौर पर बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी मौजूद रहे. इस सेमिनार में पोस्ट मास्टर जनरल अनिल कुमार समेत कई गणमान्य लोग भी मौजूद रहे. इसमें कई स्कूलों के बच्चे भी मौजूद रहे और मंचासीन अतिथियों ने बच्चों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील रहने को लेकर जागरूक किया.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अशोक चौधरी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन आज के दौर की सबसे गंभीर समस्या है और इस समस्या से निपटना पूरे विश्व के लिए चुनौती है. उन्होंने कहा कि सामान्य रूप से दुनिया के सभी अर्थशास्त्री इस मामले पर एकमत हैं कि आर्थिक विकास के लिए मानव संसाधन के अलावा अन्य भौतिक आवश्यकताएं भी हैं.
पटना में आयोजित जल जीवन हरियाली सेमिनार उन्होंने कहा कि फिजिकल कैपिटल यानी कि रोल बिजली, फैक्ट्री इंफ्रास्ट्रक्चर, नेचुरल रिसोर्स और टेक्नोलॉजी विकास के लिए बहुत जरूरी है. लेकिन विकास की इन्हीं आवश्यकताओं का अत्यधिक दोहन पर्यावरण समस्या जैसे कि वायु प्रदूषण, पानी की किल्लत, अत्यधिक ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन जैसी कई समस्याओं को जन्म देता है.
मंच से संबोधन करते अशोक चौधरी गांधी के विचारों पर सीएम नीतीश कुमार- अशोक चौधरी
अशोक चौधरी ने कहा कि महात्मा गांधी कहते थे कि पृथ्वी सभी की जरूरतों को पूरा कर सकती है. लेकिन किसी की लालच को पूरा नहीं कर सकती. उन्होंने कहा कि यही विचार उनके नेता नीतीश कुमार का है. अशोक चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार विश्वास करते हैं कि लीडरशिप अगले इलेक्शन को देखकर नहीं की जाती बल्कि अगले जनरेशन को ध्यान में रखकर की जाती है. उन्होंने कहा कि जल जीवन हरियाली को नीतीश कुमार ने एक अभियान के रूप में लागू किया है. अशोक चौधरी ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि हमारे आने वाली पीढ़ी में किसी को ग्रेटा थनबर्ग बनने की जरूरत न पड़े और न यह कहने की जरूरत पड़े कि हाउ डेयर यू.
पटना में आयोजित हुआ सेमिनार ग्रेटा थनबर्ग के बारे में
बता दें कि जिस ग्रेटा थनबर्ग की अशोक चौधरी ने बात की, वो एक 16 साल की पर्यावरण कार्यकर्ता हैं. जलवायु परिवर्तन की कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन को संबोधित किया था. इस दौरान ग्रेटा ने वैश्विक नेताओं पर ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन से निपटने में असफल हो कर अपनी पीढ़ी से विश्वासघात करने का आरोप लगाया. 16 साल की ग्रेटा ने पूछा कि 'आपने (ऐसा करने की) हिम्मत कैसे की?' उनका पूरा संबोधन सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था.