पटना: राजधानी की ज्ञान भवन में सोमवार को नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) की ओर से राज्य क्रेडिट सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने स्टेट फोकस पेपर 2020-21 का लोकार्पण किया.
इस स्टेट फोकस पेपर में राज्य के सभी 38 जिलों के लिए आंकलित किए गए ऋण प्रवाह का संकलन हैं. 2020-21 के लिए प्राथमिकता क्षेत्र के अंतर्गत कुल 1,36,830 करोड़ रुपये की कुल क्रेडिट संभाव्यता का अनुमान है. संभाव्यता का आकलन 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के साथ-साथ सतत कृषि और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य को देखते हुए किया गया है. यह सब बिहार कृषि रोड मैप 2017-2022 के लक्ष्यों को ध्यान में रखकर किया गया है.
NABARD की ओर से राज्य क्रेडिट सेमिनार में पहुंचे सुशील मोदी किसानों में मिले ज्यादा से ज्यादा लाभ- सुमो
मौके पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में लगातार किसानों को क्रेडिट कार्ड देने की संख्या घट रही है. सुशील मोदी ने बैंकों के अधिकारियों से आग्रह किया कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराए. ताकि किसानों को कृषि कार्य के दौरान आर्थिक समस्या न हो. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही है निश्चित तौर पर अगर किसानों को क्रेडिट कार्ड समय पर मिलेगा तो किसान ज्यादा फसल उगाने में सक्षम होंगे.
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कैंप के जरिए उपलब्ध कराया कृषि लोन
बता दें कि नाबार्ड ने बिहार के किसानों को कई जिलों में कैम्प लगाकर कृषि लोन भी उपलब्ध करवाया है. इसबार नाबार्ड ने ज्यादा से ज्यादा ऋण किसानों को देने की योजना बनाई है. जिसमें बिहार सरकार के कृषि रोड मैप के तहत काम किया जाना है.