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बड़ा सवाल: क्या कांग्रेस बिहार विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी ?

जहां एक ओर राजद ने अगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तेजस्वी यादव को सीएम प्रत्याशी घोषित कर दिया है. वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस प्रभारी सचिव वीरेंद्र सिंह राठौर ने एक बड़ा संकेत दिया है. उन्होंने राजद के फैसले का समर्थन करने के सवाल को काल्पनिक करार दिया.

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Published : Aug 27, 2019, 7:11 PM IST

पटना: क्या बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अकेले दम पर सियासी अखाड़े में उतरेगी. यह सवाल इन दिनों बिहार की सियासत में लगातार उठ रहा है. दरअसल, महागठबंधन के तमाम दलों की मीटिंग चल रही है. आरजेडी ने तो मंगलवार को साफ कर दिया कि उनके नेता तेजस्वी यादव ही होंगे. उनके चेहेरे पर ही चुनाव लड़ा जाएगा. लेकिन, कांग्रेस की हुई बैठक में बिहार कांग्रेस प्रभारी सचिव के बयान ने सभी को चौकन्ना कर दिया है.

दरअसल, मंगलवार को कांग्रेस प्रभारी सचिव वीरेंद्र सिंह राठौर से जब विधानसभा चुनाव को लेकर सीएम उम्मीदवार को रूप में तेजस्वी को समर्थन करने का सवाल पूछा गया, तो उन्होंने इसे हाइपोथेटिकल बता दिया. लेकिन साथ में यह भी कहा कि इसका फैसला आलाकमान करेंगे. भविष्य में इस सवाल का जवाब मिल जाने का संकेत देते हुए वीरेंद्र ने एक बड़ा सवाल पैदा कर दिया. राठौर के जवाब से राजद की बेचैनी बढ़ा सकता है.

वीरेंद्र सिंह राठौर की प्रतिक्रिया

महागठबंधन की बैठक
हालांकि, बुधवार को राबड़ी आवास में महागठबंधन की बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में महागठबंधन के सभी दल कांग्रेस, राजद, रालोसपा, हम और वीआईपी प्रमुख शामिल होंगे. शाम को होने वाली इस बैठक से एक बड़ा नतीजा निकल कर सामने आने की उम्मीद जताई जा रही है. इस बैठक में भी तेजस्वी नेतृत्व को लेकर सहमति पर विचार विमर्श किया जा सकता है.

क्यों अकेले उतरने का प्लान कर रही कांग्रेस
गौरतलब है कि बिहार में हुए लोकसभा चुनाव 2019 में महागठबंधन का नेतृत्व तेजस्वी यादव ने ही किया था. इस चुनाव में कांग्रेस ने एक सीट पर जीत हासिल की, तो दूसरी ओर राजद, रालोसपा, हम और वीआईपी का खाता तक नहीं खुल सका था. इसके चलते कांग्रेस कहीं न कहीं तेजस्वी नेतृत्व पर सवाल उठा रही है.

एक्टिव मोड में हैं तेजस्वी...
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बिहार की सक्रिय राजनीति से दूर हो गए थे. वहीं, तेजस्वी ने जबरदस्त कम बैक करते हुए सरकार को घेरने का काम किया है. तेजस्वी ने सबसे पहले पटना जंक्शन स्थित दूध मंडी को हटाए जाने का विरोध किया. वहीं, सोमवार को उन्होंने गोलंबर स्थित फल मंडी को हटाए जाने के विरोध में आवाज बुलंद की. वहीं, पार्टी के चल रहे सदस्यता अभियान में भी तेजस्वी लगातार भाग ले रहे हैं. रविवार को आयोजित सदस्यता अभियान में उन्होंने प्रेस वार्ता कर सरकार के खिलाफ जमकर निशाना साधा. ऐसे में तेजस्वी विस चुनाव के लिए अपने सीएम पद की दावेदारी की प्रबल हुंकार भरते दिख रहे हैं.

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