पटना:शहर के बिहार आर्ट थियेटर में चल रहे छठा थियेटर वाला नाट्योत्सव के चौथे दिन अनामिका सिंह द्वारा निर्देशित नाटक एनकाउंटर का मंचन किया गया. नोबेल पुरस्कार से सम्मानित तुर्की उपन्यासकार ओरहान पामुक के उपन्यास स्नो से प्रेरित नाट्य कथा एनकाउंटर का मंचन किया गया.
पटना के कालिदास रंगालय में नाटक 'एनकाउंटर' का मंचन
पटना के कालिदास रंगालय में नाटक एनकाउंटर का मंचन कर धर्म की आड़ में समाज में फैल रहे जहर से बचने के प्रति जागरूक किया गया.
लोगों के बीच की खाई पाटने की कोशिश
ये नाटक धार्मिक कट्टरपंथी सोच, मानवता सामाजिक समभाव और समरसत्ता के वजूद के बीच खाई को पाटने की एक सार्थक कोशिश है. इस नाटक में दिखाया गया है कि किस तरीके से धर्म की आड़ में लोग कट्टरपंथ दिखाते हैं और युवाओं को दिग्भ्रमित कर उनसे गलत काम कराते हैं.
नाटक के जरिए लोगों को किया जागरुक
समाज और लोगों को इस तरीके के कट्टर अफीमी से लोगों को जागरुक करने की कोशिश की गई है. नाटक का उद्देश्य यही है कि मनुष्यता को बचाने के लिए धर्म के कट्टर अफीमी तालीम के खौफ से दूर मौत की कुर्बानी वाजिब है और सामाजिक सहिष्णुता का जीवित होना पहली और अनिवार्य शर्त होनी चाहिए.