बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के डीजी रवींद्रण शंकरण पटना:राजधानी पटना के ज्ञान भवन में यूनिव स्पोर्टटेक कंपनी पार्टनरशिप में बिहार राज्य खेल प्राधिकरण और कला संस्कृति युवा विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय स्पोर्ट्स कॉन्क्लेव (Two Day Sports Conclave) 2.0 समापन हो गया है. समापन के बाद शनिवार को बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक ने प्रेस वार्ता कर जानकारी दिया कि दो दिनों तक चलने वाले स्पोर्ट्स कॉन्क्लेव का सफलतापूर्वक आयोजन हुआ. इसमें देश भर से आए खेल विशेषज्ञों द्वारा सुझाव प्रस्ताव दिया गया है.
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चलाया जाएगा कोच डेवलपमेंट प्रोग्राम: महानिदेशक ने बताया कि बिहार में खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए दिए गए सुझाव को लेकर काम शुरू कर दिया गया है. बिहार में अब प्रशिक्षण और प्रशिक्षकों के अस्तर में सुधार के लिए प्रसिद्ध राष्ट्रीय पर प्रशिक्षकों के सहयोग से कोच डेवलपमेंट प्रोग्राम चलाया जाएगा. जिसमें स्कूल के शारीरिक शिक्षकों को भी 3 महीने का कोर्स द्वारा प्रशिक्षित करके खेल प्रशिक्षक के रूप में तैयार किया जाएगा. इससे बिहार में खेल प्रशिक्षको की कमी भी दूर होगी और उनका स्तर भी बढ़ेगा.
"अब तक ज्यादा ध्यान पटना आधारित प्रतिभा खोज कार्यक्रमों पर ज्यादा ध्यान दिया जाता था. लेकिन अब हम ग्रामीण स्तर पर प्रतिभा को खोजेंगे और इसके लिए अब आरा, बगहा, छपरा, सिवान, भागलपुर, बक्सर में भी खेल एकेडमी खोलकर विभिन्न सुदूर इलाकों से बुनियादी स्तर पर प्रतिभा खोजने और प्रशिक्षित करने का काम किया जाएगा."- रवींद्रण शंकरण, महानिदेशक, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण
खिलाड़ियो के विकास में जुटी सरकार: दो दिवसीय कॉन्क्लेव में सभी विशेषज्ञों की महत्पूर्ण सुझाव में बताया गया कि, बिहार में खेल और खिलाड़ियों की विकास के लिए सरकार के साथ-साथ निजी कंपनियों, कारपोरेट सेक्टर, स्वय सेवी संस्था और विभिन्न एसोसिएशन को एक साथ मिलकर प्रयास करना पड़ेगा. इस कॉन्क्लेव में शामिल कई कंपनियों और निजी संस्थाओं ने बिहार में खेल के क्षेत्र में अपना सहयोग और योगदान देने के लिए सामने आए हैं.
कई संस्था दिखा रही रूची: खेल प्राधिकरण महानिदेशक ने कहा कि बिहार में खुलने वाले स्पोर्ट्स इंनजुरी सेंटर के लिए देश के प्रसिद्ध श्री राम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस और डॉटर विभु कल्याण नामक ने इसकी स्थापना के लिए अपना पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया है. प्रसिद्ध ओलंपियन शूटर पदम श्री गगन नारंग और बास्केटबॉल की पूर्व कप्तान सुश्री दिव्या सिंह ने बिहार में खेला कार्ड में खोलने में अपना काफी रुचि दिखाई है.
कई विषय पर हुई चर्चा: शंकरण ने बताया की इस कॉन्क्लेव में ई स्पोर्ट्स केब बारे में भी भी विस्तार से चर्चा हुई. बहुत तेजी से विश्व में परचलित हो रहा है. बिहार में भी इसी संभावनाओं को समीक्षा हुई. बिहार में स्कूल कॉलेज लेबल पर इसकी गर्मियों की छुट्टी के बाद शुरुआत की जाएगी. खेल टेक्नोलॉजी के प्रयोग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. आईआईटी द्वारा खिलाड़ियों की प्रतिभा की पहचान और क्षमता के विकास से लिए सॉफ्टवेयर बनाए गए हैं. जिसका इस्तेमाल बिहार के आईआईटी और एनआईटी में करके बिहार के महिला खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया जाएगा.
खेल प्राधिकरण को धरातल पर जुटाने में जुटी पुलिस: स्पोर्ट्स कॉन्क्लेव मैं मुख्यता राज्य में खेल का माहौल बेअसर बनाने, खेल के फ्रेश खिलाड़ियों और दूसरे राज्यों के बेहतर कार्यक्रमों और प्रयासों से सीखने, खेल में महिलाओं की भागीदारी और बेहतर प्रदर्शन बढ़ाने, को लेकर स्पोर्ट्स कॉन्क्लेव में चर्चा हुआ है. बता दें कि पटना के ज्ञान भवन में 19 और 20 मई को देश भर से आए 30 से ज्यादा खेल प्रशिक्षकों, ओलंपियन खिलाड़ियों ने खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए अपने सुझाव दिए है. जिसको बिहार राज्य खेल प्राधिकरण धरातल पर उतारने में जुट गया है.