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कोहरे के चलते ट्रेनों की रफ्तार हो गई धीमी, मेल एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों के इंजन में लगाए गए फॉग सेफ डिवाइस - ETV bharat news

Fog Safe Device: बिहार में कोहरे के कारण ट्रेनों की रफ्तार धीमी हो गई है. घने कोहरे के कारण कई ट्रेन घंटो विलंब से चल रही है. ऐसे में पूर्व मध्य रेल प्रशासन की तरफ से संरक्षित रेल परिचालन को ध्यान में रखते हुए मेल एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों के इंजन में लगाए गए फॉग सेफ डिवाइस लगाए गये हैं. पढ़ें पूरी खबर.

इंजनों में कोहरे से सुरक्षित उपकरण लगाए गए
इंजनों में कोहरे से सुरक्षित उपकरण लगाए गए

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 13, 2023, 9:08 PM IST

पटना :ठंड और घने कोहरे के मौसम पूर्व मध्य रेल ने संरक्षित ट्रेन परिचालन की दिशा में कई कदम उठाए हैं, ताकि कोहरे के दौरान ट्रेनेंकम से कम लेट हो और यात्रियों को कोई परेशानी ना हो. इसी के चलते, इंजनों में फॉग सेफ डिवाइस लगाए गए हैं. ट्रेनों के सुचारू परिचालन के लिए पूर्व मध्य रेल के शत-प्रतिशत मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों के लोको पायलटों के लिए फॉग सेफ डिवाइस का प्रावधान किया गया है.

मेल और पैसेंजर ट्रेनों में लगा फॉग सेफ डिवाइस:पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार के मुताबिक सर्दियों में कोहरे के चलते रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए भी यह महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है, ताकि ऐसे मामलों को रोका जा सके और यात्रियों को कोई परेशानी ना हो.इस उद्देश्य से इंजनों में फॉग सेफ डिवाइस लगाया गया है. ट्रेनों के सुचारू परिचालन के लिए पूर्व मध्य रेल के शत-प्रतिशत मेल एक्सप्रेस एवं पैसेंजर ट्रेनों के लोको पायलटों के लिए फॉग सेफ डिवाइस का प्रावधान किया गया है.

क्या है फॉग सेफ डिवाइस जीपीएस: बता दें कि फॉग सेफ डिवाइस जीपीएस आधारित एक उपकरण है जो लोको पायलट को आगे आने वाली सिगनल की चेतावनी देता है. जिससे लोको पायलट ट्रेनों की स्पीड को नियंत्रित करते हैं. इसके अतिरिक्त फॉग मैन भी तैनात किये जा रहे हैं जो कोहरे के दौरान रेल लाइन पर सिगनल की स्थिति की निगरानी करेंगे. रेल फ्रैक्चर से बचाव एवं समय पर इसकी पहचान हेतु उच्चाधिकारियों की निगरानी में रेलकर्मियों द्वारा निरंतर पेट्रोलिंग की जा रही है. इससे एक ओर जहां संरक्षा में वृद्धि होगी वहीं कोहरे के बावजूद समय-पालन बनाए रखने में मदद मिलेग.

स्टेशन मास्टरों और लोको पायलटों को निर्देश:सिगनलों की दृश्यता को बढ़ाने के लिए सिगनल साइटिंग बोर्ड, फॉग सिगनल पोस्ट, ज्यादा व्यस्त समपार के लिफ्टिंग बैरियर आदि को एक विशेष रंग से रंगकर उसे चमकीला बनाया गया है.सिगनल आने के पहले रेल पटरी पर सफेद चूने से निशान बनाया गया है ताकि लोको पायलट कुहासे वाले मौसम में सिगनल के बारे में अधिक सतर्क हो जायें. इसके साथ ही उन्होंने बताया की स्टेशन मास्टरों तथा लोको पायलटों को निर्देश दिया गया है कि कुहासा होने पर इसकी सूचना तत्काल नियंत्रण कक्ष को दी जाये इसके बाद दृश्यता की जांच वीटीओ (विजुविलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट) से करें.

समपार फाटक से ट्रेन गुजरने पर हॉर्न का निर्देश: दृश्यता बाधित होने की स्थिति में लोको पायलट ट्रेन के ब्रेक पावर, लोड और दृश्यता की स्थिति के आधार पर गाड़ी की गति को नियंत्रित करें. लोको पायलटों को निर्देश दिया गया है कि कुहासा होने पर वे गाड़ियों को नियंत्रित गति से चलायें. समपार फाटक पर तैनात गेटमैन एवं आम लोगों तक ट्रेन गुजरने की सूचना मिल सके इसलिए ट्रेन के चालक समपार फाटक के काफी पहले से लगातार हॉर्न देंगे ताकि यह पता चल सके कि समपार फाटक से ट्रेन गुजरने वाली है.

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