बिहार में धान खरीद की रफ्तार धीमी, 31 जनवरी तक लक्ष्य पूरा होना दूर की कौड़ी - धान खरीद
बिहार में धान खरीद का लक्ष्य इस बार भी पूरा हो पाएगा इसकी संभावना कम दिखाई दे रही है. अब तक आधा से भी कम धान पैक्स के जरिए खरीदा जा सका है. बिहार सरकार ने 45 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य तय किया है. अब तक सिर्फ 21 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है.
बिहार धान खरीद
By
Published : Jan 27, 2021, 10:37 PM IST
पटना:देश में किसान आंदोलन कर रहे हैं तो बिहार में भी किसानों को फसल की उचित कीमत नहीं मिल पा रही है. धान खरीद का लक्ष्य इस बार भी पूरा हो पाएगा इसकी संभावना कम दिखाई दे रही है. अब तक आधा से भी कम धान पैक्स के जरिए खरीदा जा सका है.
धान खरीद की रफ्तार धीमी बिहार में इस बार धान की फसल अच्छी हुई है. बिहार सरकार ने 45 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य तय किया है. 31 जनवरी तक सरकार को 45 लाख मीट्रिक टन धान खरीदना है. महज चार दिन बाकी हैं, लेकिन अब तक सिर्फ 21 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है. हर साल सरकार धान खरीद का लक्ष्य तय करती है, लेकिन वह पूरा नहीं हो पाता. आंकड़े बताते हैं कि पिछले 6 साल के दौरान सरकार कभी भी धान खरीद के लक्ष्य को पूरा नहीं कर सकी.
देखें रिपोर्ट
6 साल में कभी धान खरीद का लक्ष्य न हुआ पूरा
साल
धान खरीद का लक्ष्य
धान खरीद
2013-14
24 लाख मीट्रिक टन
11 लाख मीट्रिक टन
2014-15
24 लाख मीट्रिक टन
19 लाख मीट्रिक टन
2015-16
27 लाख मीट्रिक टन
18 लाख मीट्रिक टन
2016-17
30 लाख मीट्रिक टन
18.42 लाख मीट्रिक टन
2017 -18
30 लाख मीट्रिक टन
11.84 लाख मीट्रिक टन
2018-19
30 लाख मीट्रिक टन
14.16 लाख मीट्रिक टन
कृषि मंत्री के पास है सहकारिता विभाग का प्रभार अर्थशास्त्री डीएम दिवाकर का कहना है कि सरकार किसानों की समस्या को लेकर गंभीर नहीं है. हर साल लक्ष्य तो रखे जाते हैं, लेकिन उसे पूरा नहीं किया जाता. किसानों को सरकार द्वारा तय किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य से 500-600 रुपए प्रति क्विंटल कम कीमत पर धान बेचना पड़ रहा है. इस बार भी सरकार लक्ष्य पूरा नहीं कर पाएगी.
कृषि मंत्री को उम्मीद है कि धान खरीद का लक्ष्य पूरा हो जाएगा. कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि 31 तारीख तक इंतजार किया जाएगा. उसके बाद जरूरत पड़ी तो खरीद की मियाद बढ़ाई जाएगी. हर रोज 60 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद हो रही है. इस हिसाब से 31 जनवरी तक लक्ष्य पूरा होना संभव नहीं दिखाई देता. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि सरकार कितने दिन की अवधि और बढ़ाती है.