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लोकसभा चुनाव से विकास की गति हो रही प्रभावित, ठप पड़ी कई योजनाएं

बिहार सरकार मार्च महीने से ही लोकसभा चुनाव की तैयारियों में व्यस्त है. इस दौरान बिहार सरकार के कई मंत्री 1 महीने से ज्यादा समय से अपने दफ्तर नहीं पहुंचे हैं.

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Published : May 9, 2019, 11:34 PM IST

Updated : May 10, 2019, 12:12 AM IST

पटना: बिहार सरकार चौमुखी विकास के दावे करती है. लेकिन इस साल भी सरकार के दावे की हवा निकलती दिख रही है. यहां पिछले साल लगभग 20% बजट का हिस्सा वापस लौट गया था वहीं, इस साल उससे ज्यादा लौट जाने की संभावना दिख रही है. बिहार में पिछले तीन महीने से लोकसभा चुनाव के कारण विकास के कार्य ठप पड़े हैं.

बिहार सरकार मार्च महीने से ही लोकसभा चुनाव की तैयारियों में व्यस्त है. इस दौरान बिहार सरकार के कई मंत्री 1 महीने से ज्यादा समय से अपने दफ्तर नहीं पहुंचे हैं. इधर नेता लोकसभा चुनाव के प्रचार में जुटे हैं, तो उधर बरसात के कारण अगले 4 महीने तक विकास के कार्य नहीं होने की उम्मीद है. इस बीच कोई नई योजना की शुरुआत नहीं हुई है. इसके पीछे अधिकारी अचार संहिता का हवाला देते हैं.

पटना से खास रिपोर्ट

अचार संहिता का हवाला दे रहे अधिकारी
बिहार में चुनावी माहौल खत्म होते ही बरसात के मौसम शुरू हो जाएंगे. अमूमन बरसात के मौसम में 4 महीने तक कोई नया वर्क आर्डर नहीं दिया जाता है. ऐसे में सितंबर माह के बाद ही नए काम की शुरुआत हो पाती है. जाहिर है कि राज्य में 6 महीने विकास के कार्य पूरी तरह ठप रहेंगे. ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि बजट का बड़ा हिस्सा लौट जाएगा.

विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है
हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि सरकार को विकास और विकास कार्यों से मतलब नहीं है. इनकी प्राथमिकता में राजनीति है. सरकार के काम काज की फिलहाल जो रफ्तार है, उससे स्पष्ट है कि बजट का बड़ा हिस्सा अगले वर्ष भी लौट जाएगा. पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा है कि नया काम भले ही शुरू नहीं हुआ है, लेकिन तमाम पुरानी योजनाएं चल रही हैं और जैसे ही सीमाएं खत्म होगी वैसे ही विकास कार्य शुरू हो जाएंगे.

Last Updated : May 10, 2019, 12:12 AM IST

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