पटना:भारत रत्न (Bharat Ratna) और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की आज तीसरी पुण्यतिथि (Third Death Anniversary) है. पूरा देश आज उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है. 16 अगस्त 2018 को लंबे समय से बीमार चल रहे अटल बिहारी वाजपेयी ने इस दुनियो को अलविदा कह दिया था. उनके निधन के बाद देशभर में शोक की लहर दौड़ गई.
यह भी पढ़ें -पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की तीसरी पुण्यतिथि आज, राष्ट्रपति और पीएम ने दी श्रद्धांजलि
बता दें, पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी का दिल्ली के एम्स अस्पताल में 16 अगस्त, 2018 को निधन हो गया था. उन्हें साल 2015 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. अटल बिहारी वाजपेयी एकमात्र ऐसे नेता थे, जिन्होंने जवाहर लाल नेहरू के बाद प्रधानमंत्री पद तीन बार संभाला. पूर्व पीएम वाजपेयी का जन्म मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 25 दिसंबर, 1924 को हुआ था.
अटल बिहार वाजपेयी के भाषणों में उनकी बेबाकी को लेकर उनकी कमी आज भी देश की राजनीति को खलती है. ऐसे ही भाषण का गवाह था, बक्सर का किला मैदान. यहां उन्होंने साल 1979 में भाषण दिया था. उनके भाषण को याद करते हुए बक्सर वासी कहते हैं कि वाजपेयी जी हर दिल के अजीज थे. उनकी कमी को कोई पूरा नहीं कर सकता.
अटल बिहारी वाजपेयी एक ऐसा राजनेता थे, जो अपनी पार्टी के साथ ही सभी दलों के लिए प्रिय नेता रहे. भारत के राजनीतिक इतिहास में अटल बिहारी वाजपेयी का संपूर्ण व्यक्तित्व शिखर पुरुष के रूप में दर्ज है. तीन बार देश के प्रधान सेवक रहे वाजपेयी ने अपने करियर की शुरुआत पत्रकारिता से की थी. उनका व्यवहार बहुत ही सरल था. वे अक्सर वह कहा करते थे, 'मैं नामी पत्रकार चाहता था. लेकिन प्रधानमंत्री बन गया. आजकल पत्रकार हमारे हालत खराब कर रहे हैं. लेकिन मैं बुरा नहीं मानता हूं क्योंकि मैं पहले यह कर चुका हूं.
कुशल वक्ता अटल बिहारी वाजपेयी ने संसद सत्र के दौरान कहा, 'सरकारें आएंगी, जाएंगी, पार्टियां बनेंगी, बिगड़ेंगी मगर ये देश रहना चाहिए' चूंकि देश सर्वोपरि है और एक राजनेता को अव्व्ल अपने देश के लिए पूरी निष्ठा से काम करना चाहिए. अटल बिहारी वाजपेयी की दूसरी पुण्य तिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए स्थानीय बैकुंठ शर्मा ने बताया कि दोहा एवं अलंकार से भरे वाजपेयी जी का वह भाषण आज भी मुझे याद है, जब उन्होंने किला मैदान से यह कहा था कि आप लोग बिहारी है, तो मैं अटल बिहारी हूं और मेरा लगाव बिहार से रहा है.