पटना/रांची: 21 फरवरी यानी सोमवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD Chief Lalu Prasad Yadav) और उनके परिवार के लिए बहुत बड़ा दिन होगा. बहुचर्चित चारा घोटाले के एक केस डोरंडा ट्रेजरी मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट फैसला सुनाएगी. 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में लालू यादव को 15 फरवरी को ही दोषी करार दे दिया गया था. जिन धाराओं में लालू प्रसाद यादव को दोषी पाया गया है. उनके तहत न्यूनतम 1 साल और अधिकतम 7 साल तक की सजा का प्रावधान है. लालू यादव को अगर 7 साल की सजा होती है, तो यह पूरे परिवार को मुश्किल भरा हो सकता है. लालू यादव को अगर सात साल की सजा होती है तो यह पूरे परिवार को मुश्किल भरा हो सकता है.
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डोरंडा कोषागार घोटाला 5वां मामला
दरअसल, मंगलवार को जिस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत (CBI Special Court) ने लालू यादव को दोषी ठहराया है, वह पांचवां मामला है. डोरंडा ट्रेजरी से चारा खरीद के नाम पर हुए 139.35 करोड़ के अवैध निकासी मामले में 170 आरोपियों में से लालू प्रसाद, आरके राणा, ध्रुव भगत, जगदीश शर्मा सहित 99 आरोपी वर्तमान समय में ट्रायल फेस किया. सीबीआई कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए डोरंडा ट्रेजरी से जुड़े केस में ट्रायल फेस कर रहे 99 अभियुक्तों में से 24 आरोपियों को जहां बरी कर दिया वहीं 34 दोषी पाये गये अभियुक्तों को तीन तीन वर्ष की सजा सुनाई. वहीं लालू यादव सहित 41 अभियुक्तों के सजा के बिंदु पर फैसला 21 फरवरी को सुनाया जाएगा.
बता दें कि लालू समेत अन्य दोषी करार दिये गए अभियुक्तों पर पीसी एक्ट से लेकर आईपीसी की विभिन्न धाराएं लगी हुई हैं. लालू प्रसाद पर 120B, 420, 467, 409, 468, 471, 477A, IPC and 13(1), 13(2), PC Act के तहत इस महाघोटाले में साजिश रचने का आरोप है. इसके तहत 1 से 7 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है. कोर्ट 21 फरवरी को सजा के बिंदुओं पर फैसला सुनाएगी. कई सालों तक चली सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट के समक्ष 575 गवाह पेश किए और पशु चारा से लेकर पशुओं की फर्जी ढुलाई तक मोटरसाइकिल, स्कूटर पर सनसनीखेज रुप में यह प्रकाश में आया. कोर्ट ने इस इंवेस्टिगेशन को सही मानते हुए फैसला सुनाया है.