पटना: 11 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई फिल्म द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया है. विवेक अग्निहोत्री की ये फिल्म कश्मीरी पंडितों के असहाय दर्द पर आधारित है, जो उन्होंने 1990 में झेला था. हालांकि इस पर देश भर में राजनीति भी खूब हो रही है. सोमवार को बिहार सरकार के मंत्रियों ने भी फिल्म देखी. विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा (Assembly Speaker Vijay Sinha), डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद (Deputy CM Tarkishore Prasad), विधि मंत्री प्रमोद कुमार और विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार समेत कई एनडीए नेता मोना सिनेमा हॉल में फिल्म देखने पहुंचे थे.
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फिल्म देखने पहुंचे स्पीकर और मंत्री: फिल्म देखने पहुंचे बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि यह भारत की इतिहास पर बनी मूवी है. हम सब को इसे अवश्य देखनी चाहिए. उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि मूवी देख कर इससे सीख लेनी चाहिए. वहीं विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि जो कांग्रेस की महिला विधायिका हैं, उन लोगों ने दो टिकटों का प्रस्ताव रखा तो उन लोगों को दो टिकट भी दिया गया लेकिन पता नहीं क्यों वो लोग मूवी देखने नहीं आए. इस दौरान मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि कश्मीर भारत का ताज है. इसको लेकर कोई भी गलत बात नहीं करनी चाहिए. वहीं मंत्री सुमित कुमार ने कहा कि दिनभर सदन में रहते हैं. आज मौका मिला है तो इंटरटेनमेंट करने पहुंच गए हैं.
विधानसभा में विपक्ष ने टिकट फाड़े: इसस पहले बिहार विधानसभा में द कश्मीर फाइल्स फिल्म के टिकट को विपक्षी सदस्यों ने फाड़कर हवा में उड़ा दिया. असल में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने सभी सदस्यों को मोना में फिल्म देखने के लिए 11 टिकट उपलब्ध कराया है. लेकिन विपक्षी सदस्य फिल्म के विरोध में वेल में पहुंच गए और टिकट फाड़कर उड़ाने लगे. विपक्षी सदस्यों के इस रवैये पर बीजेपी सदस्यों ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. बीजेपी विधायक हरि भूषण ठाकुर ने कहा कि कश्मीर में जो घटना घटित हुई, उसकी सच्ची तस्वीर यह फिल्म है. ठाकुर ने कहा कि सदन में गौशाला से संबंधित ध्यानाकर्षण आने वाला था लेकिन विपक्षी सदस्यों ने साजिश के तहत विरोध प्रदर्शन किया.
फिल्म पर बिहार में भी बवाल: विपक्षी विधायकों ने कश्मीर फाइल्स फिल्म पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे समाज में नफरत पैदा हो रहा है. माले सदस्यों ने नारेबाजी भी की. फिल्म को बैन करने की भी मांग की. सभाध्यक्ष ने सदस्यों को शांत कराते हुए कहा कि बिना फिल्म देखे इस पर कोई राय बनाना ठीक नहीं है. आपको बताएं कि 2 घंटे 40 मिनट की द कश्मीर फाइल्स 1990 में कश्मीरी पंडितों संग हुई उस घटना को बयां करती है, जिसने उन्हें आतंकियों ने अपने ही घर से भागने पर मजबूर कर दिया था. फिल्म देश के टॉप कॉलेज की पॉलिसी, मीडिया और उस वक्त की सरकार पर कटाक्ष करती है, इस फिल्म के जरिए विवेक 30 साल से दर्द लिए कश्मीरी पंडितों को न्याय दिलाने की बात करते हैं.
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