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नक्सल प्रभावित इलाके के लोग जिस एसपी अभियान से करते हैं प्यार, अब मूल कैडर में लौटेंगे - पटना की खबर

लोगों और फोर्स की दूरी पाटने वाले एसपी अभियान अरुण कुमार सिंह अब मूल कैडर सीआरपीएफ में लौटेंगे. इससे पहले उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे नक्सलियों के बहकावे में न आएं. साथ ही कहा कि ये महज गिरोहबंद गुंडे हैं और इनकी नकेल कसने के लिए इनकी प्रापर्टी सीज करने की भी तैयारी की जा रही है.

एसपी अभियान
एसपी अभियान

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Published : Nov 28, 2020, 10:20 PM IST

पलामूःजिले के नक्सल प्रभावित इलाके के लोग जिस एसपी अभियान अरुण कुमार सिंह से प्यार करते हैं, अब वे मूल कैडर सीआरपीएफ में लौटेंगे. सिंह को जिले में आम लोगों और फोर्स के बीच की दूरी कम करने के लिए जाना जाता है. अरुण कुमार सिंह के जाने के बाद यहां की जिम्मेदारी पाने वाले अफसर को इस भरोसे को और मजबूत करने की चुनौती होगी. साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों तक विकास कार्यों को पहुंचाने में मदद करना होगा, ताकि गिरोहों पर फोर्स की पकड़ ढीली न पड़े.

पलामू के एसपी अभियान अरुण कुमार सिंह सीआरपीएफ कैडर से हैं. सीआरपीएफ में डिप्टी कमांडेंट अरुण कुमार सिंह, पलामू अभियान एसपी के पद पर 2016 से नवंबर 2020 तक तैनात रहे. इन चार वर्षों में पलामू में नक्सलियों के खिलाफ पुलिस ने कई बड़े काम किए. पलामू में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अभियान एसपी अरुण कुमार सिंह को पुलिस मेडल ऑफ गैलेंट्री के साथ साथ छह डीजी डिस्क भी मिला है. यहां चार वर्षों की सेवा के बाद अब वे मूल कैडर में वापस हो जाएंगे.

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सासाराम के रहने वाले हैं एसपी अभियान
अरुण कुमार सिंह मूल रूप से बिहार के सासाराम के इलाके के रहने वाले हैं. इनके नेतृत्व में पलामू में पुलिस ने माओवादियों के टॉप कमांडर राकेश भूइयां और अजय यादव के दस्ते का सफाया किया, जबकि कई इलाकों में सुरक्षाबल और सरकारी तंत्र पहली बार पंहुचा. वहीं इन्होंने नक्सल प्रभावित इलाकों में फोर्स के सूचना तंत्र को मजबूती देकर नक्सलियों की नकेल कसने में कामयाबी पाई.

काम आया तीन फ्रंट पर काम
एसपी अभियान अरुण कुमार सिंह ने ईटीवी भारत से बताया कि पहले पुलिस और सुरक्षाबलों के गांवों में जाने पर लोग उनसे मिलना तक नहीं चाहते थे लेकिन अब हालात बदल गए हैं. लोगों का पुलिस पर विश्वास बढ़ा है. वे बताते हैं कि एक साथ तीन फ्रंट पर काम शुरू किया, जिसमें नक्सलियों के खिलाफ अभियान, आम जनों का फोर्स और सरकार पर विश्वास बढ़ाना, सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने की मदद करना शामिल था. एंटी नक्सल अभियान की बदौलत लोगों के बीच सुरक्षा का माहौल पनपा, जो अब काम आ रहा है.

आईटीडीसी ने बदले हालात
अभियान एसपी अरुण कुमार सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि नक्सलियों के गढ़ में पिकेट की स्थापना की गई और इंटीग्रेटेड डिवेलपमेंट सेंटर(आईटीडीसी) बनाए गए. इससे बड़ा फायदा यह हुआ कि नक्सलियों के गढ़ में पुलिस की पहुंच हुई और आईडीसी ने लोगों की छोटे मोटे समस्याओं का सामाधान कराया. पुलिस की सुरक्षा में रोड, पुल आदि का निर्माण हुआ. चेतमा, कुहकुह, महूदण्ड, मिटार, डगरा, पथरा जैसे इलाके में साप्ताहिक हाट भी लगने लगे, जिसका लोगों को फायदा हुआ.

1500 दिन में 4793 अभियान
अभियान एसपी अरुण कुमार सिंह के नेतृत्व में पलामू पुलिस ने एक दर्जन से अधिक नक्सलियों के खिलाफ मुठभेड़ किए हैं. माओवादियो के दो और टीएसपीसी के दो दस्तों का सफाया हुआ है. चार वर्षों के कार्यकाल के दौरान अरुण कुमार सिंह ने पलामू में करीब 1500 दिन बिताए. इस दौरान 4793 अभियान को अंजाम दिया गया. ये हर दिन तीन नक्सल अभियान के हिस्सा बने. माओवादियों के 77, टीएसपीसी के 82, जेजेएमपी के 47 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि पांच का आत्मसमर्पण करवाया. मुठभेड़ के दौरान 09 नक्सली मारे गए जबकि 14 का शव बरामद किया गया, जबकि 1.63 करोड़ रुपये लेवी के बरामद किए. अभियान एसपी ने इस दौरान 87 इंटर स्टेट एन्टी नक्सल ऑपरेशन का नेतृत्व किया.

नक्सली गिरोहबंद गुंडे, बहकावे में न आएंः अरुण कुमार सिंह
पीएमजी मेडल से सम्मानित एसपी अभियान अरुण कुमार सिंह का कहना है कि नक्सलियों के कार्यों का कोई नैतिक आधार नहीं है. ये बस गिरोहबंद गुंडे हैं. इसलिए उन्होंने पलामू के लोगों से नक्सलियों के बहकावे में न आने की अपील की है. उन्होंने आम लोगों को शुभकामना भी दी है. साथ ही बताया पलामू में नक्सलियों की संपत्ति जब्त करने की भी तैयारी की जा रही है.

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