पटनाः महागठबंधन में को-ऑर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग के बीच हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा पार्टी ने एक बड़ा बयान दिया है. विधान पार्षद और जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने कहा कि महागठबंधन को मजबूत करने के लिए पार्टी कोई भी कुर्बानी देगी, लेकिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को अपनी जिद्द छोड़नी होगी.
'आपस में समन्वय बैठना जरूरी'
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में को-ऑर्डिनेशन कमेटी को लेकर अभी भी नेताओं की जंग जारी है. जीतन राम मांझी ने आरजेडी को कमेटी बनाने के लिए अल्टीमेटम दिया था. उन्होंने ने कहा था कि महागठबंधन में 5 दल सम्मिलित हैं और सबके बीच आपस में समन्वय बैठनी चाहिए. इसलिए हम लोग कमेटी के माध्यम से ही आगे का काम करना चाहते हैं.
'तेजस्वी यादव करें मैनेज'
संतोष सुमन ने कहा की स्वभाविक है कि महागठबंधन में आरजेडी बड़ी पार्टी है तो उन्हें पहल करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हम लोग चाहते हैं कि बिहार में एक अच्छी सरकार बने. जिससे राज्य का विकास हो. लेकिन राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव के पास पार्टी की अथॉरिटी है और यदि वह मैनेज करेंगे तो सब ठीक हो जाएगा.
'विधानसभा चुनाव के समय बदले तेजस्वी'
हम नेता ने कहा कि लोकसभा चुनाव में तेजस्वी यादव काफी सक्रिय दिख रहे थे और हम लोगों से लगातार मुलाकात कर रहे थे. लेकिन विधानसभा चुनाव के समय उन्होंने अपनी रणनीति बदल ली और प्रदेश अध्यक्ष से मिलने की बात कह रहे हैं.
जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन 'जगदानंद सिंह को बनाएं समिति का हेड'
संतोष सुमन ने कहा कि अगर तेजस्वी प्रदेश अध्यक्ष से बात करने की बात कर रहे हैं तो वे जगदानंद सिंह को ही समन्वय समिति का हेड बना दें. जिससे मिलकर बात की जा सके और हम उन्हीं की रणनीति पर काम करें.
10 जुलाई को होगी मीटिंग
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को बीजेपी और जेडीयू की तरफ से मिल रहे निमंत्रण को लेकर संतोष मांझी ने कहा कि अभी ऐसी कोई बात नहीं है. हम लोग महागठबंधन में हैं और रहेंगे. उन्होंने कहा कि मीटिंग के बाद निर्णय हो जाएगा कि समन्वय समिति कब बनेगी.
कुर्बानी के लिए तैयार हम
बहरहाल, संतोष सुमन एक तरफ कुर्बानी देने की बात कह रहे हो तो दूसरी तरफ उन्होंने साफ कह दिया कि 10 जुलाई को पार्टी की कोर कमेटी की बैठक होने वाली है. उसके बाद तय हो जाएगा कि हमारी आगे की रणनीति क्या होगी ? 11 जुलाई को हम लोग अपनी रणनीति मीडिया के सामने रख देंगे अब देखने वाली बात होगी कि हम के इस प्रयास के बाद महागठबंधन में क्या गुल खिलता है.