पटनाःबिहार राज्य का बिजली नुकसान 33 फीसदी से अधिक है. नुकसान को देखते हुए बिजली विभाग की तरफ से स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की योजना अब शहर से शुरू की जाएगी. खासकर वैसे शहरी और अर्ध शहरी इलाके जहां बिजली का नुकसान अधिक है, वहां सबसे पहले स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे. उसके बाद ही ग्रामीण इलाकों में मीटर लगाने की कवायद शुरू की जाएगी.
इन इलाकों से होता है बिजली का नुकसान
जानकारी के मुताबिक बढ़िया, नवादा, आरा, सोनपुर, डिग्री, रिविलगंज, ढाका, बख्तियारपुर, दाउदनगर, शेखपुरा, सासाराम, लखीसराय, मसौढ़ी, शेरघाटी, जहानाबाद, बिहारशरीफ, बिक्रमगंज, बाढ़, नवगछिया, बरबीघा और मोकामा इलाकों में 50 फीसदी से अधिक के बिजली के नुकसान कंपनी को झेलना पड़ रहा है.
बिजली विभाग की मानें तो राज्य का बिजली नुकसान अभी 33 फीसदी से अधिक है. यानी कुल आपूर्ति का एक तिहाई बिजली या तो चोरी हो जा रही है या तकनीकी नुकसान के कारण उसका उपयोग सही ढंग से नहीं हो पा रहा है.
जल्द लगाए जाएंगे स्मार्ट प्रीपेड मीटर
सरकार ने इस नुकसान को मौजूदा वित्तीय वर्ष में ही 15 फीसदी पर लाने का लक्ष्य तय किया है. लेकिन अब तक कामयाबी हासिल नहीं हुई है. इसे देखते हुए ही कंपनी ने तय किया है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर उन इलाकों में सबसे पहले लगाया जाए जहां अधिक बिजली नुकसान अधिक हो रहा है.
अब तक कई इलाकों में लगे 50,000 प्रीपेड मीटर
बता दें कि अब तक पटना सहित राज्य के कई इलाकों में 50,000 से अधिक स्मार्ट में प्रीपेड मीटर बिजली विभाग के तरफ से लगाए जा चुके हैं. इसमें भी केवल करोना काल में 15000 प्रीपेड मीटर लगाए गए हैं. राजधानी पटना में 40000 घरों में प्रीपेड मीटर लगाए गए हैं.
राजस्व की वसूली में हुई वृद्धि
समस्तीपुर के दलसिंहसराय में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जा चुका है. वहीं, मीटर लगाने के पहले कंपनी को मात्र 22 लाख की आमदनी हुई थी. लेकिन जैसी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए गए वहां के उतने ही उपभोक्ता से 97 लाख के राजस्व वसूली की गई है. जिससे दलसिंहसराय के परिणाम से कंपनी काफी उत्साहित नजर आ रही है और ज्यादा से ज्यादा स्मार्ट प्रीपेड लगाने का लक्ष्य रखा गया है.