पटना: पिछले दिनों देशभर से स्किन के ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मामले सामने आ रहे हैं. वहीं, अब गिने चुने स्किन के ब्लैक फंगस के मरीज हो चुके हैं. पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि स्किन म्यूकर माइकोसिस (Skin Mucormycosis) को क्यूटेरियस म्यूकर माइकोसिस भी कहा जाता है. यह बीमारी काफी रेयर है.
उन्होंने बताया कि इसका ट्रीटमेंट प्रोसीजर वही है जो नॉर्मल म्यूकर माइकोसिस का है. इसमें भी लाइपोसोमल एंफोटरइसिन बी का इंजेक्शन यूज होता है. मरीज को पोसाकोनाजोल का टेबलेट का लंबे समय तक सेवन करना पड़ता है.
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चेहर व कान के पास करता है अटैक
डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने बताया की स्किन म्यूकर माइकोसिस दो प्रकार के देखने को मिलते हैं. पहला प्राइमरी स्किन म्यूकर माइकोसिस और दूसरा सेकेंडरी स्किन म्यूकर माइकोसिस. यह हाथों के ऊपर त्वचा पर और चेहरे पर गाल के नीचे और कान के आसपास ज्यादा अटैक करता है.
'यह इम्यूनोसपरेशन डिजीज है. ये उसी को होती है जिसका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है. कमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यक्ति के शरीर पर म्यूकोर का स्पोर्स जम जाता है क्योंकि म्यूकोर का स्पोर्स हमारे वातावरण में चारों तरफ फैला हुआ है. म्यूकोर मिट्टी और ह्यूमिडिटी की जगह पर यह ज्यादा मिलता है.':- दिवाकर तेजस्वी
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