पटनाःराजधानी में तारामंडल के प्लेनेटोरियम हॉल में छह दिवसीय सिल्क प्रदर्शनी का शुभारंभ हुआ. इस प्रदर्शनी में राज्य के 16 राज्यों से सिल्क बुनकरों ने 200 से ज्यादा प्रकार की सिल्क वैरायटी प्रदर्शनी में लगाई गईं. इस प्रदर्शनी में सिल्क पर ठेठ देशी रंग से होने वाली परंपरागत कढ़ाई और बुनाई का काम लोगों को आकर्षित कर रहा है.
छह दिवसीय सिल्क प्रदर्शनी का हुआ शुभारंभ
सिल्क प्रदर्शनी में मैसूर सिल्क की साड़ियां, जॉर्जेट सिल्क की साड़ियां, शिफॉन सिल्क की साड़ियां, टसर सिल्क, कांचीपुरम सिल्क साड़ियां और शादी की साड़ियां जैसे कई सिल्क की वैरायटी मौजूद है. इस प्रदर्शनी में बिहार की भागलपुरी सिल्क और उस पर मधुबनी पेंटिंग बिहार की सिल्क की परंपरा को समृद्ध कर रहा है.
सिल्क प्रर्दशनी महिलाओं को कर रहे आकर्षित सिल्क बुनकरों को एक प्लेटफार्म मुहैया कराना
शिल्प प्रदर्शनी के आयोजक अमित ने बताया कि इस प्रदर्शनी का मकसद ग्रामीण क्षेत्र के सिल्क बुनकरों को एक प्लेटफार्म मुहैया कराना है. उन्होंने बताया कि सबसे खास बात यह है कि सिल्क की वैरायटी की शुरुआत 500 रूपए से हो रही है और लाख रूपए तक सिल्क के कपड़े मौजूद हैं. बिहार के मधुबनी, दरभंगा और भागलपुर से भागलपुरी सिल्क और टसर सिल्क की प्रदर्शनी बुनकर लगाए हुए हैं.
तारामंडल में छह दिवसीय सिल्क प्रदर्शनी का हुआ शुभारंभ सिल्क प्रर्दशनी महिलाओं को कर रहे आकर्षित
देश के विभिन्न राज्यों से सिल्क के बुनकर यहां आए हैं. दशहरा, दिवाली, छठ पूजा, भाई दूज और करवा चौथ जैसे त्योहारों को लेकर प्रदर्शनी में सिल्क के कलेक्शन मौजूद है. भागलपुरी सिल्क पर मधुबनी पेंटिंग के दुपट्टे 500 रूपए से शुरू है और यह महिलाओं को ज्यादा आकर्षित कर रहे हैं. इस सिल्क प्रदर्शनी के आयोजक अमित ने बताया कि यहां असमिया धागे से बनी खड्डी साड़ी पर जरी का काम देखने लायक है.