पटनाः सिवान के एक दशक पुराने अपहरण मामले में पटना हाइकोर्ट ने (Siwan kidnapping case hearing in Patna High Court) सुनवाई करते हुए निगरानी ब्यूरो और आर्थिक अपराध इकाई को जांच करने के लिए पार्टी बनाने का निर्देश दिया है. जस्टिस राजीव प्रसाद ने मंसूर आलम की आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए इस केस को पुलिस और राजनीतिक व्यक्तियों की मिलीभगत बताया. इसलिए कोर्ट ने इन मामलों को एंटी करप्शन ( निगरानी) ब्यूरो व अन्य विशेष जांच एजेंसियो से जांच करवाने का निर्णय लिया. इस मामले पर अगली सुनवाई 8 दिसम्बर को होगी.
इसे भी पढ़ेंः पटना समाहरणालय बार एसोसिएशन भवन को तोड़े जाने पर 6 दिसम्बर को होगी अगली सुनवाई
क्या है मामलाः सिवान में 10 साल पहले अपहरण का एक मामला दर्ज हुआ था. में सुनवाई हुई क का है,जो सिवान के वसंतपुर थाना मे अगस्त 2012 को दर्ज हुआ था. एक दशक बीतने के बाद भी सिवान पुलिस न तो अपहृत बच्चे का कोई सुराग लगा पाई है और ना ही इस मामले के नामजद अभियुक्त की गिरफ्तारी कर सकी थी. सिवान पुलिस की इस कार्यशैली पर नाराज होते हुए हाई कोर्ट ने वहां के एसपी को तलब किया था.