पटना: बिहार में कोरोना ने विस्फोटक रूप अख्तियार कर लिया है और हालात काफी चिंताजनक हैं. वर्तमान समय में प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या 94,275 हैं. प्रदेश का रिकवरी रेट मौजूदा वक्त में 77.43% है. ऐसे में अगर बात करें कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई व्यवस्थाओं की तो स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमण की दूसरी वेव के दौरान प्रदेश भर में कितने बेड तैयार किए हैं, इसकी आधिकारिक जानकारी अब तक नहीं दी है.
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करीब 13 हजार बेड की व्यवस्था
हालांकि, एक अनुमानित आंकड़े के तहत वर्तमान समय में प्रदेश में कोरोना मरीजों के लिए लगभग 13 हजार बेड की व्यवस्था है और इनमें से 7500 बेड खाली हैं. इन 13 हजार बेड में लगभग 3500 बेड ऑक्सीजन युक्त बेड हैं. कोरोना संक्रमण की फर्स्ट वेव जब प्रदेश में आई थी, तो पिछले साल कोरोना मरीजों के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 40 हजार बेड की व्यवस्था की गई थी, जिसमें से 5 हजार बेड ऑक्सीजन युक्त थे.
दूसरी लहर कई गुना ज्यादा खतरनाक
संक्रमण की दूसरी लहर पहले से कई गुना ज्यादा खतरनाक है, सरकार की तरफ से इसकी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है कि प्रदेश में कोरोना मरीजों के बेहतर इलाज के लिए कितने बेड की व्यवस्था की गई है और कितने बेड ऑक्सीजन युक्त हैं. प्रदेश में आए दिन कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है. अधिकांश मौत इलाज के अभाव में हो रही हैं. कोरोना संक्रमण के गंभीर मरीजों को अस्पताल में ऑक्सीजन युक्त बेड तक नहीं उपलब्ध हो पा रहे हैं.
बिहार में ऑक्सीजन की स्थिति
कोरोना संक्रमण के इस दौर में ऑक्सीजन सिलेंडर की काफी किल्लत देखने को मिल रही है और वर्तमान समय में स्थिति ये है कि प्रदेश के सरकारी या गैर सरकारी अस्पताल किसी भी अस्पताल में 12 घंटे से अधिक का ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं बचा हुआ है. बुधवार के दिन पटना में ऐसे 20 से अधिक अस्पताल हैं, जहां अधिकतम 6 घंटे का ही ऑक्सीजन बचा हुआ है.
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ऑक्सीजन की डिमांड से आधी की आपूर्ति
अस्पताल प्रबंधन जितने ऑक्सीजन की डिमांड कर रहे हैं, सरकार की तरफ से उसकी आधी ही आपूर्ति कराई जा रही है. अस्पतालों में कोरोना मरीज के लिए बेड ना बढ़ने का सबसे बड़ा कारण ये है कि वर्तमान समय में जितने बेड हैं, उतने बेड पर ही सरकार ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं करा पा रही है. राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से 300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति कराने की मांग की है, जबकि केंद्र की तरफ से बिहार सरकार को 194 मीट्रिक टन ही ऑक्सीजन की आपूर्ति कराई जा रही है.
बिहार में कोरोना विस्फोट
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर कितनी जानलेवा है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 31 मार्च को जहां प्रदेश में कोरोना से होने वाली मौतों का कुल आंकड़ा 1576 था, वहीं 27 अप्रैल तक ये आंकड़ा बढ़कर 2307 हो गया. बीते 27 दिनों में 731 कोरोना मरीजों की जान गई है. पिछले कुछ दिनों से संक्रमण के नए मामलों की संख्या भी 12 हजार से अधिक रह रही है.
बिहार में रेमडेसिविर की स्थिति
कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए रेमडेसिविर का डोज काफी कारगर साबित हो रहा है और कुछ दिनों पहले प्रदेश में रेमडेसिविर कि काफी किल्लत हो गई थी. हालांकि, अब प्रदेश में रेमडेसिविर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो गई है. 30 अप्रैल तक प्रदेश में 40 हजार रेमडेसिविर वैक्सीन का डोज पहुंचना है, जिसमें से अब तक वैक्सीन की दो खेप आ चुकी है और स्वास्थ्य विभाग के पास 21 हजार की संख्या में वर्तमान समय में रेमडेसिविर का डोज उपलब्ध है.