पटना:देशभर मेंलॉकडाउन हुए एक महीने हो गए हैं. इस दौरान पटना में कोरोना संक्रमित लोगों का आंकड़ा 17 पहुंच गया है. अगर बिहार की बात करें तो पूरे बिहार में यह आंकड़ा 176 के करीब पहुंच चुका है. हालांकि 46 लोग कोरोनो से मुक्त भी हुए हैं.
शहर का खाजपुरा जगदेव पथ इलाका खास कर हॉटस्पॉट बना हुआ है. लॉकडाउन की अवधि में लोग घरों में बंद हैं और इस दौरान पटना की आबोहवा भी काफी साफ हो गई है. वहीं, पिछले 1 महीनों में सड़कों पर शोर थम सा गया है. रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड सब जगह सन्नाटा पसरा है.
सड़कों पर नहीं है लोगों की भीड़ लॉकडाउन के कारण सड़कें सुनसान
लॉकडाउन के दौरान अगर हम बात करें पटना के बाजारों की दशा की, तो वहां की दशा पिछले 30 दिनों में पूरी तरह से बदल गई है. बाजारों से रौनक गायब है. भीड़भाड़ वाली सड़कें जो आम दिनों में 20 फीट या 25 फीट चौड़ी नजर आती है. वो पूरी तरह से सुनसान पड़ी हुई है. अतिक्रमण नहीं होने के कारण सड़कों की चौड़ाई 50 से 60 फीट तक नजर आ रही है. लॉकडाउन की अवधि में जिन सब्जी मंडियों को खोलने की छूट मिली थी. वहां भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर उन्हें भी बंद करवा दिया गया है.
'कोविड 19' ने बदल दी राजधानी पटना की सूरत
पटना का डाकबंगला चौराहा सबसे व्यस्ततम चौराहा माना जाता है. वहां भी इक्की-दुक्की गाड़ियां ही दिखती थी. हालांकि 20 अप्रैल से कुछ पासधारक गाड़ियों को शहर में चलने की इजाजत दी गई थी. उसके बाद थोड़ी बहुत गाड़ियां सड़कों पर दौड़ती नजर आ रही हैं. राजेंद्र नगर की सब्जी मंडी की अगर हम बात करें तो उस मंडी में भी पांव रखने की जगह नहीं मिलती थी और कहीं ना कहीं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना करने पर जिला प्रशासन ने उसे भी बंद करवा दिया है. इसके साथ में पटना के कई प्रमुख सब्जी मंडियों को भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर बंद करवा दिया गया है.
एक महीने के लॉकडाउन के अंदर शहर वीरान सा दिखने लगा है और सड़कें सुनसान हैं. लोग किसी आवश्यक काम से ही घरों से बाहर निकलते दिखाई पड़ रहे हैं, जो लोग अनावश्यक रूप से चहलकदमी करने बाहर निकल रहे हैं, उनपर पुलिस मुकम्मल कार्रवाई करती नजर आ रही है.