पटना: साइबेरियन पक्षी एक दशक बाद फिर पटना के सचिवालय स्थित राजधानी तालाब के किनारे लौट आए हैं. विभिन्न प्रकार के आवाज वाले इन पक्षियों को देखने का आनंद कुछ और ही बन रहा है. तालाब के चारों तरफ रंग-बिरंगी साइबेरियन पक्षियों को देखा जा रहा है.
गूंजने लगी है पक्षियों की चहचहाहट
बता दें कि सचिवालय स्थित इस तालाब को कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री की ओर से राजधानी जलाशय का नाम दिया था. यहां ठंड के मौसम में हजारों की संख्या में विदेशी पक्षियों का आगमन होता है. यह राजधानी जलाशय पटना के बीचों-बीच पुराने सचिवालय में स्थित है. जहां का नजारा देखने में खूब बनता है. इन पक्षियों का एक साथ उड़ना और उस समय तो मानो मन शांत हो जाता है, जब विदेशी पक्षियों की चहचहाहट कानों में गूंजती है और यहां जाने के बाद अजीब शांति महसूस होती है.
'वातावरण में कुछ ठंडक अभी भी बाकी'
पक्षियों के किसी विशेष मौसम में भौगोलिक बदलाव को प्रवासन नाम दिया गया है. प्रवास का अर्थ है, यात्रा पर जाना या दूसरे स्थान पर जाना, लेकिन उनका यह प्रवास केवल एक देश में सीमित नहीं होता, बल्कि विभिन्न देशों तक होता है, जहां भी इन्हें अपने अनुकूल मौसम और भोजन मिल जाए. इसी क्रम में ये राजधानी जलाशय पहुंचते हैं. कई पक्षी तो ऐसे हैं, जो कई माह का सफर तय कर दूसरे देश यहां पहुंचते हैं बताया जाता है कि हर साल यह पक्षी मार्च महीने तक यहां से पलायन कर जाते थे, लेकिन इस बार यह विदेशी पक्षी अभी तक पटना के राजधानी जलाशय में अपना डेरा डाले हुए हैं. इसके पीछे अहम बात यह है कि इस बार मौसम उनके अनुकूल चल रहा है या लॉक डाउन के कारण वातावरण में कुछ ठंडक अभी भी बाकी है.