पटना: पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी(Jitan Ram Manjhi) की ओर सेभगवान राम(Lord Ram) के अस्तित्व पर सवाल उठाने के बाद बिहार की राजनीति (Bihar Politics) गरमा गई है. बीजेपी (BJP) समेत अन्य दलों ने जहां कड़ा ऐतराज जताया है, वहीं जेडीयू (JDU) के नेता सधे हुए अंदाज में बयान दे रहे हैं. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार(Rural Development Minister Shravan Kumar) ने कहा कि किसी को किस में आस्था है, यह हर किसी का निजी विचार होता है.
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जेडीयू कोटे से मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि जीतनराम मांझी ने वास्तव में क्या बोला, यह मुझे नहीं पता नहीं है लेकिन यह आस्था का विषय है. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि हमें जो विरासत में मिली है जो हमारी संस्कृति है सभ्यता है, उसे अपनी आस्था के अनुसार अछुण्य रखना चाहिए.
श्रवण कुमार ने कहा कि किसी की आस्था किसी भी भगवान में हो सकती है. राम में हो सकती है, कृष्ण में हो सकती है भगवान शंकर में या किसी भी भगवान में हो सकती है. मंदिर और मस्जिद में आस्था हो सकती है. यह निजी विचार हो सकता है.
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वहीं, पाठ्यक्रमों में रामायण और महाभारत की पढ़ाई को लेकर ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि इस बारे में संबंधित विभाग के मंत्री ही बेहतर बता सकते हैं. जहां तक आस्था का विषय है तो मेरा स्पष्ट मानना है कि हमें अपनी सभ्यता और संस्कृति को संभालकर रखना चाहिए. ये हमारा दायित्व बनता है.
आपको बताएं कि मंगलवार को हम प्रमुख जीतनराम मांझी ने प्रभु राम के अस्तित्व को काल्पनिक बताते हुए कहा था कि श्रीराम कोई जीवित और महापुरुष थे, ऐसा मैं नहीं मानता हूं. हालांकि रामायण कहानी में जो बातें बताई गई है, वो सीखने लायक है. महिलाओं की बात हो या फिर अपने से बड़ों के आदर और सम्मान की बात हो, रामायण हमें शिक्षा देती है.