पटना: बॉलीवुड की कई सुपरहिट फिल्मों में बेहतर अभिनय का प्रदर्शन कर पटना किलकारी के बच्चों ने बिहार का नाम रोशन किया है. बिहार बाल भवन किलकारी के बच्चे अब फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी धमाल मचा रहे हैं. किलकारी के बच्चों द्वारा बनाई गई फिल्में अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चयनित की जा रही है. दसवीं नेशनल साइंस फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में किलकारी के बच्चों की ओर से बनाई गई छह फिल्मों को चयनित किया गया है, जिसकी स्क्रीनिंग भी चल रही है.
वहीं, किलकारी के छात्र संटू कुमार की फिल्म 'मास्क' का चयन इंटरनेशनल शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल में किया गया है. इसकी स्क्रीनिंग दिसंबर के दूसरे सप्ताह में नई दिल्ली में होगी. इस फेस्टिवल में 124 देशों ने हिस्सा लिया है. भारत से चयनित 100 फिल्मों में से एक फिल्म किलकारी के छात्र की चयनित हुई है. संटू ने ईटीवी भारत से बातचीत ने बताया कि वे नाटक विधा के छात्र हैं. कई फिल्मों के लिए उन्होंने काम भी किया है लेकिन पहली बार उन्होंने फिल्म बनाई थी और जिसका चयन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में हुआ है.
संटू कहते हैं, 'इसमें हमारी मेहनत और किलकारी का साथ है, जो आज हमारी फिल्म सिलेक्ट हुई है.'
6 फिल्मों का चयन
वहीं, नेशनल साइंस फिल्म फेस्टिवल में किलकारी के 4 बच्चों की बनाई गई 6 फिल्मों का चयन किया गया है. अमित राज, विराट वैभव, हेमा कुमारी और आर्यन की फिल्म शामिल है. आर्यन ने बताया कि उनकी तीन फिल्में (एन इनोवेटिव ड्राइवर, बटरफ्लाई गार्डन, जेंडर डिस्क्रिमिनेशन) का चयन फिल्म फेस्टिवल में हुआ है. इससे बड़ी खुशी की बात और कुछ नहीं हो सकती.
बाल कलाकारों ने मचाया धमाल आर्यन कहते हैं कि इस फेस्टिवल को लेकर थोड़ी निराशा जरूर है क्योंकि फिल्म फेस्टिवल का आयोजन अब वर्चुअल तरीके से किया जा रहा है. लेकिन इतने बड़े प्लेटफार्म पर नॉमिनेशन होना ही बड़ी बात है. आशा है कि अवॉर्ड्स भी मिल सकते हैं.
'किलकारी ने इनोवेशन में बदला आईडिया'
अमित राज कहते हैं कि उनकी फिल्म 'स्मोक सी एन ई वन' का चयन हुआ है और इसकी स्क्रीनिंग भी हो रही है. बहुत खुशी है कि हमारी बनाई गई फिल्म का चयन हुआ है. हमें विश्वास है कि आवर्ड्स भी मिलेंगे. हमारे जो आईडिया थे, उनको इनोवेशन में बदलने का काम किलकारी ने किया है.
बच्चों को दिया खुला आसमान: निदेशिका
वहीं किलकारी की निर्देशिका ज्योति परिहार ने बताया कि बच्चों में प्रतिभाएं बहुत होती हैं. बस जरूरत उन्हें निखारने की होती है. किलकारी वही काम कर रहा है. बच्चों के आइडिया काफी इनोवेटिव थे लेकिन जो संसाधन की कमी उनके पास थी, वो किलकारी ने उपलब्ध कराई है. उसी का परिणाम है कि आज बच्चों की फिल्में नेशनल और इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में शामिल हुई हैं. हमने बच्चों को खुला आसमान उपलब्ध कराया है.
ज्योति परिहार, निदेशिका, किलकारी