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Ramcharitmanas Spreads Hatred: शिवानंद तिवारी बोले- रामचरित से क्या चुनना है, विवेक पर निर्भर करता है - ईटीवी भारत न्यूज

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान के बाद विरोध तेज हो गया. राजनीतिक दलों के के साथ कई दिग्गजों और सोशल मीडिया पर यूजर्स इस बयान का विरोध कर रहे है. (Minister Chandrashekhar Controversial Statement) राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने एक बयान जारी करके कहा है कि रामचरित मानस में बहुत कुछ है. क्या चुनना है? वह विवेक पर निर्भर करता है. पढ़ें पूरी खबर

राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी
राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी

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Published : Jan 12, 2023, 9:32 PM IST

पटना:रामचरित मानस पर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के विवादित बयान को लेकर बिहार में सियासत जारी है. एक तरफ जहां विपक्ष इसे मुद्दा बना कर राजद पर हमलावर है. अब दूसरी तरफ पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने एक बयान (Senior leader Shivanand Tiwari) जारी करके कहा है कि लोहिया कहते हैं रामायण में बहुत सारा कूड़ा करकट भी है और हीरा मोती भी. कूड़ा करकट बुहारने के चक्कर में हीरा मोती भी नहीं बुहार देना चाहिए और हीरा मोती खाने के चक्कर में कूड़ा करकट नहीं खा लेना चाहिए.

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लोहिया ने राम और रामायण मेले पर लिखे हैं लेख:गुरुवार को एक बयान जारी करते हुए राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने लिखा कि समाजवादी आंदोलन के जनक डॉ राम मनोहर लोहिया ने राम और रामायण मेले के आयोजन को लेकर सर्वाधिक लेख लिखे हैं. डॉक्टर लोहिया सभी भाषाओं में उपलब्ध रामायण के प्रशंसक हैं पर उनका मन तुलसी के रामायण में रमा हुआ है. तुलसी की रामायण में आनंद के साथ-साथ धर्म भी जुड़ा हुआ है. रामायण के लोग सदियों से प्रशंसक है.

तुलसी एक रक्षक कवि हैं: शिवानंद तिवारी ने लिखा कि तुलसी की कविता से निकलती है अनगिनत रोज की उक्तयां और कहावतें, जो आदमी को टिकाती हैं और सीधे रखती हैं. तुलसी एक रक्षक कवि हैं. जब चारों तरफ से अभेद हमले हो तो बचाना, थामना, टेकी देना शायद ही तुलसी से बढ़कर कोई कर सकता है. बाल्मीकि और एवं दूसरे रामायण में प्रेम को इतनी बड़ी जगह नहीं मिली जितनी की तुलसी की रामायण में है. अपने प्रसिद्ध लेख राम कृष्ण और शिव के समापन में डॉक्टर लोहिया लिखते हैं, हे-भारत माता हमें शिव का मतलब तू कृष्ण का हृदय दो और राम का कर्म और वचन दो’.


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