पटना:ब्राह्मणों को लेकर जीतन राम मांझी के विवादास्पद (Jitan Ram Manjhi Controversial Statement) बयान पर आरोप प्रत्यारोप जारी है. कांग्रेस में मांझी के बयान को लेकर अलग अलग प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. एक तरफ बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा (Madan Mohan Jha On Jitan Ram Manjhi) ने गजेंद्र झाको बीजेपी से निष्कासित करने के फैसले पर सवाल उठाए थे तो, अब मदन मोहन झा के इस बयान पर उनके ही विधायक हमला कर रहे हैं. कांग्रेस विधायक शकील अहमद ने मदन मोहन झा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, मांझी के बयान और गजेंद्र के जीभ काटने के बयान को एक तराजू में नहीं तौला जाना चाहिए.
यह भी पढ़ें- गजेंद्र झा पर कार्रवाई.. तो जीतन राम मांझी पर क्यों नहीं- मदन मोहन झा
दरअसल कुछ दिन पहले बिहार कांग्रेस (Congress On Manjhi Controversial Statement) के अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा था कि, 'बीजेपी ने मांझी के जीभ काटने वाले बयान पर अपने नेता पर जो कार्रवाई की है वो उचित है लेकिन मांझी पर भी कार्रवाई करनी चाहिए. जो कमजोर है सिर्फ उसपर कार्रवाई करना गलत है.'
मांझी के विवादास्पद बयान पर कांग्रेस में फाड़ मदन मोहन झा के बयान पर उन्हीं के विधायक सवाल उठा रहे हैं. कांग्रेस विधायक शकील अहमद ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि, शुरू से कांग्रेस दलितों के साथ है और मांझी जी ने जो कुछ कहा है उन्होंने अपना दर्द बयां किया है. ये बात हमारे प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा को समझना चाहिए.
यह भी पढ़ें- जीतन राम मांझी को आखिर हुआ है क्या? पहले ब्राह्मणों से मांगी माफी, फिर बोले- हजार बार कहूंगा '@$#&#..'
"प्रदेश अध्यक्ष किसी एक व्यक्ति का नहीं होता बल्कि सभी का होता है. मदन मोहन झा को इस तरह की बात नहीं कहनी चाहिए थी. जीभ काटने वाला बयान तो ऐसा है कि, गजेंद्र को सलाखों के पीछे होना चाहिए. दोनों बयानों को एक नजरिए से देखना गलत है."- शकील अहमद, कांग्रेस विधायक
ये भी पढ़ें: मांझी ने अब ब्राह्मणवाद के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- 'उस दिन जुबान फिसल गई थी'
शकील अहमद ने मांझी के बयान के परिपेक्ष्य में कहा कि, 'सदियों से दलित प्रताड़ना का शिकार होता रहा है. कांग्रेस ने अपने समय में अम्बेडकर को अपने साथ लाकर संविधान सभा मे रखा. संविधान में दलितों के लिये जो बात कही गयी है, आज उसका पालन नहीं हो रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जीभ काटने वाले बयान पर कार्रवाई करनी चाहिए. जो दलित मुख्यमंत्री की जीभ काटने की बात कर रहा है, हम मांग करते हैं कि, बीजेपी के उस नेता पर कार्रवाई हो.'
यह भी पढ़ें- गजेंद्र झा बीजेपी से निष्कासित, मांझी की जीभ काटने पर की थी 11 लाख के इनाम की घोषणा
दरअसल, मांझी ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि 'आप लोग माफ कीजिएगा. हम सबलोग को कहते हैं कि आजकल हमारे गरीब तबके के लोगों में धर्म की प्रासंगिकता ज्यादा आ रही है. सत्यनारायण पूजा का हमलोग नाम भी नहीं जानते थे, लेकिन हर जगह हमलोग के टोला में सत्यनारायण स्वामी की पूजा हो रही है. इतना भी लाज नहीं लगता है हमलोगों को कि पंडित @$#&#@ कहता है कि नहीं खाएंगे बाबू आप लोग पैसे दे दीजिए."
हालांकि विवाद बढ़ने के बाद मांझी ने माफी भी मांग ली थी. उन्होंने कहा, "हम अपने समाज के लिए 'हरामी' शब्द का इस्तेमाल किया था. पंडित जी के लिए नहीं किया था. अगर इसमें कहीं गलतफहमी हो गई हो तो हम इसके लिए माफी चाहते हैं. लेकिन हम अपने समाज के लिए कहा था कि ऐसे आप लोग हो गए हैं कि अपने देवता को छोड़कर दूसरे का पूजा कराते हैं. उसमें भी शर्म आना चाहिए कि आपके यहां जो नहीं खाने वाले हैं, उनसे आपलोग पूजा कराते हैं."
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) की जीभ काटने पर 11 लाख रुपए के इनाम की घोषणा करने वाले बीजेपी नेता गजेन्द्र झा (BJP Leader Gajendra Jha) पर गाज गिरी है. बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया है. उनको 15 दिनों के अंदर अपना स्पष्टीकरण मधुबनी जिला कार्यालय को देना होगा.
ऐसी ही विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करेंETV BHARAT APP