पटना (मसौढ़ी):शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है. स्कूलों में पर्याप्त संसाधन भी मुहैया कराए जाते हैं, लेकिन कई बार संसाधन का उपयोग नहीं हो पाता है और वह रखे-रखे खराब हो जाते हैं. ऐसा ही मामला मसौढ़ी से आया है. जहां कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय (Kasturba Gandhi Balika Vidyalaya of Masaurhi) में फर्नीचर रखे-रखे खराब हो रहे हैं, लेकिन उसे उपयोग में नहीं लिया गया है.
ये भी पढ़ें-देखिए नीतीश जी! पटना में सरकारी स्कूल का हाल, ना अपनी जमीन.. ना भवन, 'जुगाड़' से चल रहा विद्यालय
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में सुविधा का अभाव: सरकार की पायलट योजना के तहत बिहार के तमाम प्रखंडों में कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में गरीब छात्राओं को पढ़ने के लिए पठन-पाठन की सुविधाएं मुहैया कराई गई थी, लेकिन मसौढ़ी स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में कई बुनियादी सुविधाओं का आज भी घोर अभाव है. बिहार में तमाम प्रखंडों में गरीबों के बेटियों को पढ़ने के लिए निशुल्क रूप से कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय बनाया गया था.
स्कूल में नहीं हैं पर्याप्त संसाधन: कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में एक सौ सीटों पर बच्चियों का नामांकन होता है, लेकिन मसौढ़ी स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में कई बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है, जिसमें सबसे बडा सवाल यह है कि जिस कुर्सी टेबल पर छात्राओं को पढ़ना था. वह आज रखे-रखे खराब हो रहा है. वहीं छात्राओं को सोने के लिए मछरदानी, पीने के लिए पानी, सुरक्षा के लिए सीसीटीवी की जो व्यवस्था थी, वह माकूल नहीं है.
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने दी चेतावनी: मसौढ़ी के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में जिस बेंच डेस्क पर बैठकर छात्राओं को पठन-पाठन करना था, वह आज स्कूल की छत पर सड़कर बर्बाद हो रही है, दरअसल प्रशासनिक उदासीनता कहे या फिर लापरवाही या रखरखाव में कमी के कारण सैकड़ों टेबल, कुर्सियां रखे-रखे बर्बाद हो रही है. वहीं छात्राओं को सोने के लिए मच्छरदानी नहीं मिल रहा है, पीने के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है. वहीं कई बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. जिसको लेकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रासबिहारी दुबे ने सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है.
ये भी पढ़ें-टूटी-फूटी ब्लैक बोर्ड...खुले में शौच...बैग में किताब नहीं बोरा रखकर स्कूल पहुंचते हैं यहां के बच्चे
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करेंETV BHARAT APP